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गांधीनगर, 17 सितम्बर 2022:
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) संबंधी पंचामृत युवा जागृति पखवाड़े का गांधीनगर से शुभारंभ कराते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि ऋतु चक्र में तेज़ी से हो रहे बदलाव तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के निवारण के लिए लोकजागृति फैलान में युवा शक्ति का अग्रसर बनना समय की मांग है।
श्री पटेल ने इस संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ऐसे विज़नरी नेता हैं, जिन्हें भावी संकटों का आभास हो आता है और समाज में ऐसे संकट आने से पहले ही वे उनके समाधान के अग्रिम उपाय खोज लेते हैं। इसी परम्परा के अंतर्गत श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में वर्षों पहले क्लाइमेट चेंज का पृथक विभाग कार्यरत कर विपरीत पर्यावरणीय प्रभावों के शमन का सफल आयाम अपनाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात की वर्तमान सरकार ने भी श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा डाली गई विकास की सुदृढ़ नींव के आधार पर सड़क-मार्ग, बिजली, पानी की सुविधाएँ दी हैं और पर्यावरण संरक्षण के साथ क्लाइमेट चेंज की समस्याएँ दूर करने के उपाय सफलतापूर्वक पार किए हैं।
श्री भूपेंद्र पटेल ने ऋतु चक्र-वातावरण में तेज़ी से हो रहे बदलाव के विपरीत प्रभावों को टालने तथा कार्बन उत्सर्जन घटाने जैसे पर्यावरणयप्रिय उपायों के रूप में ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी यानी सोलर एनर्जी (सौर ऊर्जा) का अधिक से अधिक उपयोग करने एवं रसायनमुक्त प्राकृतिक खेती के लिए भी सजग होने की आवश्यकता समझाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य के जलायु परिवर्तन विभाग तथा गुजरात वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (गुजरात चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़) यानी GCCI, वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय यानी एम. एस. यूनिवर्सिटी (MSU) तथा भारतीय शिक्षक शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टीचर्स एजुकेशन) यानी IITE के बीच तीन MoU हुए। इनमें जीसीसीआई के साथ राज्य में कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए, एम. एस. यूनिवर्सिटी के साथ क्लाइमेट चेंज संबंधी रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए तथा आईआईटीई के साथ शिक्षकों को क्लाइमेट चेंज संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए एमओयू परस्पर एक्सचेंज किए गए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) को सौर ऊर्जा क्षेत्र में सोलर रूफ़टॉप सब्सिडी के लिए 206 करोड़ रुपए का चेक प्रदान किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सरकारी बिल्डिंग रूफ़टॉप सोलर सिस्टम का उद्घाटन, गौशाला-पांजरापोल आधारित बायोगैस प्लांट के लिए सब्सिडी का वितरण, बैटरी संचालित दुपहिया वाहनों की सब्सिडी का वितरण और प्लास्टिक कूड़ा संग्रह के लिए सखी मंडल की महिलाओं को सब्सिडी का वितरण भी किया गया।
श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ग्रीन एनर्जी के साथ-साथ हर गाँव में 75 सरोवरों के निर्माण तथा 75 किसानों को नैचुरल फ़ार्मिंग की ओर मोड़ने जैसी बातों को महत्व दिया है।
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि देश के अमृतकाल के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए पाँच संकल्पों में एक ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए आने वाली पीढ़ी को शुद्ध वायु, जल, भोजन व पर्यावरण प्रदान करने का दायित्व सभी साथ मिल कर निभाएँ।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा शक्ति की सहभागिता क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों के दमन में सबसे महत्वपूर्ण परिबल (फ़ैक्टर) सिद्ध होगी तथा गुजरात में मनाया जा रहा पंचामृत पखवाड़ा इस दिशा में उद्दीपक बनेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में क्लाइमेट चेंज के संबंध में हो रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेट ज़ीरो-2070 के संकल्प को साकार करने के लिए युवाओं का सहयोग अत्यंत अनिवार्य है।
उन्होंने क्लाइमेट चेंज पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2015 के बाद भारत ने क्लाइमेट चेंज सहित सभी क्षेत्रों में टिकाऊ (सुदृढ़) विकास किया है। क्लाइमेट चेंज विषय पर पेरिस में आयोजित हुए ‘2021 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन यानी COP 26’ में प्रधानमंत्री ने भारत में वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो का लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प किया है।
उन्होंने कहा कि इस संकल्प को सिद्ध करने के लिए गुजरात ने परम्परागत ऊर्जा क्षेत्र में अनेक नई परियोजनाएँ प्रारंभ कर अन्य राज्यों को नई दिशा दी है। डॉ. सारस्वत ने भारत को नेट ज़ीरो के लक्ष्य तक पहुँचाने का चरणबद्ध रोडमैप भी प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए भारत सरकार द्वारा आरंभ किए गए विभिन्न मिशनों व अभियानों की भी विस्तार से जानकारी दी।