Getting your Trinity Audio player ready...
|
शुक्रवार, 20 जनवरी 2023, गाजियाबाद; आज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गाजियाबाद विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शीत शिविर ‘उन्नयन’ आइडीयल कॉलेज गोविन्द पुरम में प्रारंभ हुआ। यह शिविर 20 जनवरी से प्रारंभ होकर 22 जनवरी तक रहने वाला है, जिसमें लगभग 800 गटनायक भाग ले रहे हैं। व्यस्था के लिए गाजियाबाद विभाग के चारों इकाइयों (गाजियाबाद महानगर, गाजियाबाद जिला, वैशाली महानगर एवं हरनंदी महानगर) के महानगर पदाधिकारी भी शामिल हैं।
अखिलेश, विभाग प्रचार प्रमुख गाजियाबाद विभाग ने बताया , इस शिविर की शुरुआत आगमन के पश्चात शुक्रवार सायं 7 बजे उद्घाटन समारोह में दीप प्रज्वलन कर क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पद्म सिंह के उद्बोधन से हुआ। अपने उद्बोधन में पद्म सिंह ने कहा कि
गट नायक संघ कार्य का आधार है। मैं क्या हूं यह पहचानना है।
– हमें समाज को संघ से जोड़ने वाला व्यक्ति बनना है। शिविर में कम समय में सामूहिक जीवन जीने का प्रयास करते हैं।
– श्री रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद जी से कहा था, “समाज में अध्यात्मिक चेतना जगानी है, दीन हीन की सेवा करनी है।“ इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु स्वामी विवेकानंद जी ने रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
– स्वयं की चिंता छोड़ कर समाज की चिंता करने वाला स्वामी विवेकानंद बन जाता है।
– हमारा आचरण और स्वभाव ऐसा हो कि समाज आकर्षण पूर्वक हमसे जुड़े और यह आचरण 24 घंटे दिखना चाहिए। नम्रता के आगे समाज श्रद्धा से झुकता है।
– हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति व हिंदू समाज के रक्षण के लिए 24 घंटे समर्पित रहने वाला संघ का स्वयंसेवक है।
– साहिबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह जैसी विजिगिषु वृत्ति हमारे अंदर हो। जिन्होंने गर्दन कटाया पर धर्म का त्याग नहीं किया। धर्म संस्कृति और समाज पर न्यौछावर हो गए। स्वाभिमान त्यागकर जीने से अच्छा स्वाभिमान के साथ बलिदानी होना है। यह विजिगिषुवृत्ति प्रत्येक स्वयंसेवक सेवक के अंदर हो।
– परिवार की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला बनें, असाधारण पुरुष की भांति साधना के बल पर राष्ट्र प्रतिष्ठा का कार्य करें।
– हमारा व्यवहार चरित्र ऐसा हो कि छोटा या बड़ा सभी से सम्मान आदर से मिले। यह 24 घंटे दिखना चाहिए।
– अपने क्षेत्र के लोगों के साथ परस्पर विश्वास, उनकी कुशलता की जानकारी रखना गटनायक का कार्य है।
– हमें जीवन में निरंतरता का वरण करना चाहिए। मैं 365 दिन का स्वयंसेवक हूं। 1 दिन में सिद्धि नहीं मिलती। सिद्धि हेतु निरंतरता आवश्यक है।
– समाज में मैं जैसा हूं वैसा संघ है, मुझे विचार करना है कि मुझे कैसा गटनायक बनना है? यह संघ का आधार है जो दिखता नहीं। समाचार पत्र में छपता नहीं। ठीक उसी प्रकार जैसे भवन का शिखर दिखता है, उसकी नींव नहीं। नींव पर ही पूरा भवन टिका होता है।
– लक्ष्य प्राप्ति हेतु अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आकर्षण का त्याग करना पड़ता है। हमें शालीन, सज्जन, निरंकार एवं अनुशासित बनना है।
– दुनिया आशा भरी दृष्टि से जिस भारत को देख रही है, वह भारत मैं हूं। मैं संघ हूं। मैं परिवर्तन का वाहक हूं। मैं गट नायक हूं। मैं जहां रहता हूं उस क्षेत्र का मैं डॉक्टर हेडगेवार, स्वामी विवेकानंद बनकर हिंदू धर्म, संस्कृति और समाज के लिए अनुकूल वातावरण बना पाऊं इसी का प्रयास हमें करना है।
आज, शुक्रवार 21 जनवरी शिविर के द्वितीय दिवस शारीरिक प्रशिक्षण से प्रारंभ की गई। तत्पश्चात प्रथम सत्र में प्रान्त सह-प्रचारक विनोद ने कई प्रमुख विषयों पर चर्चा की
जैसे राष्ट्र के लिए परिवार की भूमिका के कहा कि राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई परिवार होता है। एक आदर्श परिवार भक्तिमय, तनावमुक्त व आनन्दमय होनी चाहिए जिसके लिए एकल परिवार में वालों को माह में दो-तीन बार एक साथ बैठने, भजन व भोजन
करने, कुछ प्रेरक विषयों पर चर्चा करने, मित्र परिवार के साथ मिलना चाहिए।
साथ ही उन्होंने विवेकपूर्ण मोबाइल व टीवी का प्रयोग पर बल दिया। स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने, जन्मदिवस पर अपने संस्कृति का संस्मरण व उसके अनुरूप मनाने के अलावा पर्यावरण संरक्षण हेतु पेड़ लगाने व उसका निरंतर देखभाल करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक के स्वयंसेवक तो सतत सेवा कार्य कर ही रहे हैं साथ हमें अपने आस-पास चल रहे सामाजिक व सेवा कार्य करने वाले संस्थानों एवं व्यक्ति का सहयोग खुले मन से करना चाहिए।
सामाजिक समरसता के लिए महापुरुषों के जीवन प्रसंग पर चर्चा, छुआछूत दूर करने का प्रयास करना, संपन्न परिवार द्वारा कमजोर परिवार का गोद लेना, उनके संपर्क में रहना, सतत उनके आना व उन्हें बुलाना। जिस घर में भी कार्य करने के लिए माता-बहन आती हैं उनका सम्मान करना, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, सुख-दुःख में उनके परिजनों के साथ मिलना-जूलना, उनके कार्यक्रम में सहभागी होना व मनाना।
द्वितीय सत्र में क्षेत्रीय संघचालक सुर्यप्रकाश टोंक ने अपने उद्बोधन के माध्यम से संघ की कार्य पद्धति एवं प्रत्येक स्वयंसेवकों का राष्ट्रहित में सहभागिता एवं महत्व पर बल दिया। इस अवसर क्षेत्र संपर्क प्रमुख आनंद, प्रान्त संपर्क प्रमुख विजय, एवं सह-संपर्क प्रमुख वेदप्रकाश सहित कई अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
समापन समारोह कल रविवार 22 जनवरी प्रातः 10:30 बजे रहने वाला है जिसमें प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के प्रदर्शन के पश्चात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के उद्बोधन से होगा।