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नयी दिल्ली (SKS)
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि अक्सर कुछ वैचारिक कारणों के कारण भारत के हितों की बलि दी जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा देश के हितों को अपने मूल में रखते हुए दुनिया के साथ काम करेगी। आकाशवाणी के साथ एक साक्षात्कार में जयशंकर ने वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में गुटनिरपेक्ष युग से अधिक मुखर और राष्ट्रीय हित-संचालित दृष्टिकोण में बदलाव पर प्रकाश डाला। जयशंकर ने गुटनिरपेक्षता के ऐतिहासिक महत्व को स्वीकार करते हुए इसे ऐसे समय में भारत की स्वतंत्रता के दावे की अभिव्यक्ति बताया जब इसकी क्षमताएं सीमित थीं।
उन्होंने कहा कि जहां गुटनिरपेक्षता भारतीय विदेश नीति में एक विशिष्ट युग का प्रतिनिधित्व करती है, वहीं यह अपनी सीमाओं के साथ भी आई है।मंत्री ने कहा कि एक ऐसा युग था जहां हमारी क्षमताएं सीमित थीं और जहां हमने हमेशा अपने राष्ट्रीय हित को पहले नहीं रखा था। कभी-कभी हमें वह लाभ नहीं मिलता जो हमें मिल सकता था। लेकिन वह अतीत की बात है। 1990 के दशक के दौरान सामना की गई चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए, महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की अवधि , जयशंकर ने कहा कि इन सुधारों ने आर्थिक और राजनयिक रणनीतियों के बीच अटूट संबंध को पहचानते हुए, भारत की विदेश नीति के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता की।