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6 सितंबर:
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बौखला गए हैं। हाल के दिनों में उनके द्वारा दिए गये बयान इसके सबूत हैं। उनकी बौखलाहट की वजहें भी हैं। वह जानते हैं कि 2014 में उत्तर प्रदेश की जनता सपा को सत्ता से अंतिम रूप से विदा कर चुकी है। उसके बाद से वह लगातार चुनाव दर चुनाव संकेत भी दे रही है कि अब अपने पिछले कारनामों के नाते सपा कभी भी सत्ता में आने से रही। आने वाले चुनाव में सपा का साफ होना तय है।
यह बातें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि इस सच से सपा प्रमुख भी वाकिफ़ हैं, पर जनता को बरगलाने के लिए लगातार अनर्गल बयान दिए जा रहे हैं।
आज उनके द्वारा किया गया ट्वीट भी उसीकी कड़ी हैं। सत्ता में रहते हुए उन्होंने जो किया वह जगजाहिर है। उसका नतीजा भी उनको मिला। दमन, दंभ और विभाजन सपा का चरित्र रहा है। अपने तुच्छ राजनीतिक हित के लिए सपा ने समाज को सिर्फ बांटा है। इसके उलट भाजपा ने बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शिता से सबके विकास के लिए काम किया है। कर भी रही है। रही किसान आंदोनल की बात तो मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि यह किसानों का नहीं दलालों का आन्दोल है। योगी सरकार ने किसानों के लिए ऐतिहासिक काम किया है। गन्ना, गेंहू, धान और अन्य खाद्यान्नों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड खरीद। तय समय पर भुगतान। वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को तय समय में पूरा करना इसका सबूत है। योगी सरकार ने अब तक जो नियुक्तियां की हैं उनमें सर्वाधिक शिक्षक ही हैं। पात्रता के अनुसार सरकार आगे भी नियुक्तियां करेगी। लिहाजा अखिलेश जनता को बरगलाने से बाज आएं।
मालूम हो कि अखिलेश यादव ने आज एक ट्वीट लिखा है कि पश्चिमी उप्र में एक तरफ़ किसानों की और दूसरी तरफ़ पूर्वी उप्र में शिक्षकों और आम जनता की अभूतपूर्व एकजुटता ने दिखा दिया है कि भाजपा की दमनकारी, विभाजनकारी, दंभी सत्ता अब कभी वापस नहीं आएगी। ये भाजपा के कहर के ख़िलाफ़ जनमत की लहर है।
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