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सुमेर सिंह गाजीपुर। जंगीपुर विधानसभा में खराब सड़कों को लेकर सियासत तेज हो गई है। सपा विधायक जंगीपुर के सड़कों में गडढ़े को लेकर धरना प्रदर्शन किए। वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेता ने डीएम से लिखित शिकायत कर उक्त सड़क की जांच की मांग की है। दरअसल, सड़क निर्माण कार्य सपा विधायक डा. वीरेद्र यादव के अति करीबी द्वारा ही कराया गया है। जिसमें सड़क निर्माण से लेकर मरम्मत के कार्य में करोड़ो की धनराशि का बंदरबाट किया गया है। भाजपा नेता की इस पहल के बाद ठेकेदारो सहित विभाग में हड़कंप मच गया है।
जंगीपुर विधानसभा पूर्व प्रत्याशी कुंवर रमेश सिंह पप्पू ने बुधवार को डीएम के अनुपस्थिति में प्रभार देख रहे एसडीएम मंशाराम वर्मा को सड़क निर्माण में घोटाले को लेकर शिकायती पत्र सौंप कर जांच की मांग किया है। जमीनी नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके कुंवर रमेश सिंह पप्पू ने पत्र में बताया है कि जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के अरसदपुर से सुभाखरपुर, आरीपुर मार्ग तक दस किमी सड़क निर्माण हुआ है। विभागीय रिपोर्ट के आधार पर सड़क निर्माण कार्य 25 मई 2017 में शुरू और 24 मई 2018 में पूर्ण दिखाया गया है। जिसमें 4 करोड़ 32 लाख 87 हजार रूपए खर्च दिखाया गया है। जबकि इस सड़क अनुबन्ध पांच वर्ष तक का है। वहीं सड़क मरम्मत के रूप में सरकार से प्रति वर्ष 59 लाख 84 हजार 151 मिलते है। इस सड़क का सिर्फ एक बार मरम्मत किया गया है। जबकि सरकारी धनराशि का पूरा पैसा गोल माल किया गया है। जिससे करोड़ो की लागत खर्च हुई सड़क गडढे में तब्दील हो गई है। लोगों का आना जाना मुश्किल हो गया है। मांग किया कि जंगीपुर में निर्मित सड़क के पूरे प्रकरण की जांच कराकर मानकवीहिन निर्माण करने वाली एजेन्सी एंव सम्मलित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायऔर अनुबंध की राशि जब्त किया जाए। इसके साथ सड़क की मरम्मत कराया जाय।
इनसेट-
भाजपा नेता कुंवर रमेश सिंह ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण कार्य सपा विधायक डा. वीरेंद्र यादव के अति करीबी द्वारा कराया गया है। वहीं जंगीपुर विधानसभा जब से बना है सपा के विधायक चुने जा रहें है। पूरे विधानसभा में कोई विकास कार्य नहीं किया गया है। वहीं सरकार द्वारा मिली धनराशि का सही उपयोग नहीं किया गया है। क्षेत्र में अधिकतर उनके करीबियों के यहां ही सड़के बनी है लेकिन उनके चहेते ठेकेदारो द्वारा घटिया स्तर का कार्य किया गया है। वह अपने कालेज के व्यवसाय में ब्यस्त रहते है। क्षेत्र की जनता की समस्या से उनका नाता कम ही रहता है। चुनाव आते ही क्षेत्र में उनकी सक्रियता तेज हो जाती है।