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आठ नवंबर, कैराना/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को शामली जिले के कैराना में पलायन कर लौटे परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सुकून के लिए ही बीजेपी आई है। वही सुकून लाने के लिए और उसी सुकून के लिए आज मैं आया हूं, पीएसी कैंप की बटालियन की स्थापना करने के लिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैराना से पलायन करने वाले कितने लोग ऐसे बचे हैं, उनकी सूची तैयार करें। साथ ही सभी को शासन की ओर से आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था करें।
प्रदेश में सीएम योगी पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने कैराना से पलायन कर लौटे परिवारों से मुलाकात की। सीएम योगी से बातचीत में पीड़ित परिवारों ने मुक्त कंठ से सीएम योगी और सरकार की प्रशंसा की। साथ ही पिछली सरकार में अपने ऊपर गुजरी आपबीती भी बताई। पलायन कर वापस लौटे पीड़ितों ने सरकार की नीति पर संतोष जताया और वापस लौटने पर खुशी जताई है। सीएम योगी ने कहा कि गलत चीजों के खिलाफ लोगों को खड़ा होना पड़ेगा और जब सब लोग मिलकर ऐसे तत्वों के खिलाफ लड़ेंगे, तो ही इस प्रकार के तत्व बेनकाब होंगे। उनके खिलाफ सख्ती से कार्यवाही भी होगी। उन्होंने कहा कि हम लोग पहले दिन से ही कह रहे हैं कि इस प्रकार के तत्वों से बहुत सख्ती से निपटेंगे। सख्ती से निपटने की कार्यवाही हो भी रही है। इसलिए डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। पूरी सरकार साथ में है। शासन पूरा सहयोग करेगा। कहीं भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए किसी को। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा आदि मौजूद थे।
‘पहले पांच बजे के बाद कर्फ्यू के हालात थे, कोई घर से नहीं निकलता था’
सीएम योगी को एक पीड़ित ने बताया कि ईद का दिन कैराना के लिए बहुत खुशी का दिन था। जब टीवी पर सुबह पट्टी चली कि मुकीम काला मुठभेड़ में ढेर हो गया। चारों परिवार उसी के पीड़ित थे। इस सीएम योगी ने कहा कि जो किया, सो उसने पाया। जो जैसे कर रहा है, उसको वैसे ही गति प्राप्त होगी। पीड़ित ने सीएम योगी को बताया कि अब कैराना बाजार में टाइमिंग चेंज हो गई है। पहले पांच बजे के बाद कर्फ्यू के हालात थे, कोई घर से नहीं निकलता था और आज 10-11 बजे तक भी शान से चले जाएं कोई दिक्कत नहीं है।
‘सरकार न आती, तो कैराना 80 से 90 फीसदी पलायन हो जाता’
सीएम योगी को एक पीड़ित ने बताया कि पहले समस्या बहुत ज्यादा गंभीर थी। इतनी ज्यादा गंभीर थी कि सरकार न आती, तो कैराना से 80 से 90 फीसदी पलायन हो जाता। काफी सहयोग बाबू जी (सुरेश राणा) का रहा, जब सरकार नहीं थी, उस समय भी आए। व्यापारियों का हौसला बढ़ाया। भाई साहब सूरत चले गए थे। यहां पर इतना बड़ा कारोबार था, कोई सामान कहीं नहीं मिलता था, लेकिन इनकी दुकान पर मिल जाता था। चार-पांच पीढ़ियों से दुकान थी। दुकान बंद हुई, बहुत परेशान हुए।
‘अपराधियों के सरेंडर की फोटो अखबारों में आती है, तो बहुत खुशी होती है’
सीएम योगी से एक पीड़ित ने कहा कि आपका तो नाम आने के बाद ही कैराना में शांति हुई। हम तो यह सोचते हैं कि आपका नाम हमारे लिए जीवनदायी है, जैसे मरते मरते किसी को कोई दवाई मिल जाए, वैसे ही आप का नाम है। आप न आते तो शायद कैराना पुनर्जीवित नहीं हो पाता। जब अपराधियों की हाथ उपर कर के थाने में सरेंडर की फोटो अखबारों में आती है, तो बहुत खुशी होती है। अपराध कहां था? और अब अपराधी कहां हैं?
‘कैराना में चार से छह गुना रेट प्रापर्टी के बढ़े’
एक अन्य पीड़ित ने सीएम योगी को बताया कि महराज जी, कैराना में चार से छह गुने रेट प्रापर्टी के बढ़ गए। 2016 में मेन बाजार में 25 लाख की दुकान बिकी थी, लेकिन आज एक करोड़ की खरीदना चाहूं, तो भी नहीं मिल सकती।
कैराना में कश्मीर से बुरे हाल थे: सुरेश राणा
कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने सीएम योगी को बताया कि वह कैराना में किसी के यहां घटना होने पर उस घटना में आए थे, तो एक पीड़ित ने उन्हें रोककर कहा कि मेरी हत्या हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार थी। उन्होंने एसपी को फोन किया और बोले- इनकी जान को खतरा है, कुछ करो। एसपी ने गनर दे दिया। दुकान के बाहर गनर बैठा था, बाइक से छह-सात लोग आए और दो लोगों को मारकर फरार हो गए। ऐसा माहौल गुंडाराज का था, कोई कहने सुनने वाला नहीं था। कश्मीर से भी बुरे हाल थे।
‘फिर सरकार आ जाए, तो कोमा में चले जाएंगे अपराधी’
सीएम योगी को पीड़ित ने बताया कि पहले पुलिस की चौकी पर भी ताले लगे थे। चौक बाजार में पुलिस चौकी नशे का अड्डा था। अब 16 पुलिस कर्मी उस पुलिस चौकी पर हैं, पहले एक होमगार्ड नहीं मिलता था। महराज जी, हमारी तो यही प्रार्थना है कि सरकार आ जाए। कोमा में चले जाएंगे अपराधी। सौ फीसदी 20-30 साल सांस नहीं लेंगे। छोटे छोटे बच्चों की यही प्रार्थना है। इनका भाई सूरत में है। मेरी अभी बात हुई थी। उसने यही शर्त रखी है कि जिस दिन शपथ ग्रहण में महराज जी बोल रहे होंगे, मैं उस दिन कैराना पहुंच जाऊंगा।