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लखनऊ। नामदारी कायस्थ संगठनों की संगत संगत प्रोग्राम की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री सुबोध कांत सहाय एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्यसभा सदस्य आर के सिन्हा समेत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रसेन श्रीवास्तव, अखिल भारतीय चित्रांश महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू विनोद बिहारी वर्मा, सभा के राष्ट्रीय महामंत्री विश्वरूप कुलश्रेष्ठ लखनऊ स्थित कार्यक्रम स्थल “उत्तराखंड महोत्सव स्थल निकट हनुमान सेतु” पहुंच कर तैयारियों का पूरा जायजा लिया।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि आज कायस्थ समाज को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ अब राजनैतिक रूप से भी विचारवान होना पड़ेगा। कायस्थ समाज के लोगों को केवल वोट बैंक बनकर अपनी सांगठनिक ताकत किसी एक के पीछे झोंकने के बजाय अपने हितों की भी समीक्षा करनी होगी।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास श्रीवास्तव ने आज “कायस्थ महासभा” लखनऊ के समस्त वार्ड अध्यक्षगणों एवं लखनऊ कार्यकारणी के सदस्यों के साथ कार्यक्रम में चित्रांश बंधुओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति को दर्ज कराने हेतु एवं कार्यक्रम स्थल तक लाने की सभी जिम्मेदारियों की समीक्षा बैठक लिया।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास श्रीवास्तव ने कहा इस संगत संगत कार्यक्रम के माध्यम से कायस्थ समाज को राजनैतिक रूप से एकजुट हो परिपक्व करने का मकसद है।श्री श्रीवास्तव ने कहा अब कायस्थ समाज राजनैतिक रूप से जाग चुका है। जिन लोगों ने राजनीतिक मकसद से कायस्थ वोटों को तो प्राप्त किया। साढ़े 7 साल मोदी सरकार के और साढ़े 4 साल योगी सरकार के बीतने जा रहे हैं, लेकिन कायस्थों के उत्थान और उनके सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक उत्थान में कोई भी ठोस कार्य नहीं कियागया।आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में कायस्थों की उपेक्षा उपेक्षा करने वाले ऐसे राजनीतिक दलों को अब सबक सिखाने का समय आ गया है।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री श्रीवास्तव ने बताया कि प्रभार क्षेत्र लखनऊ समेत फैजाबाद, अंबेडकरनगर से भी कायस्थ बंधुओं की एक खासी तादाद उक्त कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही।