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विवेक कुमार जैन
आगरा 7 फरवरी।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन भारत के नास्त्रेदमस विश्वविख्यात ख्याति प्राप्त रहस्यमयी एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस 4 अक्टूबर 1992 की धनु राशि की चन्द्र कुंडली एवम पार्टी के संरक्षक व संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जन्मकुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव की चन्द्र लग्न की राशि मीन पर वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति ग्रह का सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव गोचरीय ग्रह चाल में 20 नवम्बर 2021 से लेकर 13 अप्रैल 2022 तक वर्तमान में नहीं है। यह बात सत्य है कि मुलायम सिंह यादव की जन्मकुंडली में गजकेसरी नामक महाराजयोग विद्यमान है और इसके साथ ही उनकी जन्मकुंडली में ब्रह्माण्ड का न्यायधीश शनि ग्रह नीच का होकर जन्म के समय वक्री अवस्था था जो कि विपरीत राजयोग की श्रेणी में आता है। जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित शनि ग्रह ने जन्म के समय वक्री होने के कारण अपनी उच्च अवस्था का फल मुलायम सिंह यादव के जीवन काल में उनको दिया। यही कारण है कि मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को काफी ऊंचाइयां प्रदान की। जब तक वह इस पार्टी के अध्यक्ष रहे तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार केंद्र में रक्षा मंत्री के पद पर रहे।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्तमान में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए अभी मुश्किलों का दौर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है क्योंकि समाजवादी पार्टी की 4 अक्टूबर 1992 की स्थापना दिवस की धनु राशि की चन्द्र कुंडली में वर्तमान में वर्ष 2017 से चाण्डाल छाया ग्रह राहु ग्रह की 18 वर्षीय महादशा अवधि आरम्भ हो गयी है जो कि पार्टी की आम जनता में एक नकारात्मक छवि पैदा करने वाली साबित होगी क्योंकि समाजवादी पार्टी की स्थापना दिवस की चन्द्र कुंडली में राहु और चन्द्रमा की एक साथ युति वाला ग्रहण योग मौजूद है, और वर्तमान पार्टी के ऊपर चल रही छाया ग्रह राहु की 18 वर्षीय महादशा अवधि पार्टी की छवि पर ग्रहण लगाने का कार्य करेगी और पार्टी के अंदर पूरी तरह बिखराव का माहौल पैदा कर देगी क्योंकि चाण्डाल छाया ग्रह राहु को पृथकतावादी छाया ग्रह भी वैदिक हिन्दू ज्योतिष में कहा जाता है और छाया ग्रह राहु की समुद्र मंथन काल से चन्द्रमा ग्रह से प्रबल शत्रुता पौराणिक काल से चली आ रही है, इसलिए समाजवादी पार्टी की स्थापना दिवस की कुंडली में चन्द्रमा+राहु की एक साथ युति वाला ग्रहण योग वर्तमान की राहु की महादशा अवधि में समाजवादी पार्टी की छवि पर पूर्ण ग्रहण लगा सकता है।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि पार्टी संस्थापक के सबसे बड़े पुत्र वर्तमान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सही जन्मतिथि की जन्मकुंडली के अनुसार उनकी जन्मकुंडली में देवगुरु बृहस्पति ग्रह अपनी स्वराशि धनु में राहु के साथ स्थित हैं। जो कि वैदिक हिन्दू फलित ज्योतिष के अनुसार गुरु चांडाल योग का निर्माण करता है। यही कारण रहा कि 2012 में जब उन पर देवगुरु बृहस्पति ग्रह की महादशा आरम्भ हुई तब अखिलेश यादव को उनकी जन्मकुंडली में स्वराशिस्थ धनु में देवगुरु बृहस्पति के कारण अपने पिता मुलायम सिंह यादव के आशीर्वाद फलस्वरूप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद प्राप्त हुआ। लेकिन, उनकी जन्मकुंडली में देवगुरु बृहस्पति ग्रह चाण्डाल छाया ग्रह राहु के साथ एक साथ युति बनाकर स्थित हैं जो कि अपने ही कुटुम्ब और विश्वसनीय लोगों से छल प्राप्ति का योग बनाता है।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्तमान में ग्रहोंनुसार यही कारण रहा कि अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही उत्तर प्रदेश 2017 के विधानसभा चुनावों में और लोकसभा 2019 में अखिलेश यादव ने शिकस्त पाई। जबकि उनके पिता मुलायम सिंह यादव की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति ग्रह चन्द्रमा ग्रह के साथ युति बनाकर गजकेसरी नामक महाराजयोग बनाकर स्थित है, जो कि राजनीति के लिए सबसे बड़ा महाराजयोग माना जाता है। क्योंकि इस स्थिति में देवगुरु बृहस्पति ग्रह पर शुभ चन्द्रमा अर्थात उसके मित्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो कि दूसरा सबसे बड़ा आम जनता का कारक ग्रह भी माना जाता है वैदिक हिन्दू फलित ज्योतिष के अनुसार। यही कारण रहा कि मुलायम सिंह यादव जब तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे तब तक पार्टी के अंदर किसी भी प्रकार की विरोधाभास की स्थिति नहीं रही।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि समाजवादी पार्टी में जब अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तभी से पार्टी के अंदर आन्तरिक विरोधाभास अपने ही कुटुम्ब के माध्यम से आरम्भ हो गया था, क्योंकि अखिलेश यादव की जन्मकुंडली में देवगुरु बृहस्पति ग्रह को महापापी छाया ग्रह राहू ने एक साथ युति बनाकर ग्रहण लगा दिया है। इस पृथ्वी पर बिना देवगुरु बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद के कोई भी व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त नही कर सकता अर्थात राजनीति में सबको साथ लेकर नही चल सकता जो कि अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव ने अपने कार्यकाल में किया और एनडीए में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने किया देवगुरु बृहस्पति ग्रह के शुभ आशीर्वाद व गजकेसरी नामक महाराजयोग के कारण।
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्तमान में समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस के प्रतिकूल ग्रहोंनुसार वर्तमान में समाजवादी पार्टी का अस्तित्व कांग्रेस पार्टी की तरह ही चाण्डाल छाया ग्रह राहु के कारण खतरे में है। इसका ग्रहोंनुसार एक ही निदान है विधानसभा 2022 के परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी को किसी मजबूत ग्रह वाले नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की प्रबल आवश्यकता भविष्य में पड़ेगी जो सबको साथ लेकर चल सके।