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विवेक कुमार जैन
आगरा,3 मार्च। आगरा मेट्रो का काम फुल स्पीड में है। जिससे जल्द ही ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जायेगा। ऑटोमेटिक मशीन के द्वारा आगरा मेट्रो की पटरियों की वेल्डिंग की जाएगी।
आगरा में पीएसी स्थित आगरा मेट्रो के प्रथम डिपो में ट्रैक को जोडऩे के लिए ऑटोमेटिक वेल्डिंग मशीन डिपो परिसर में आ चुकी है। फ्लैश बट वेल्डिंग तकनीक पर आधारित इस मशीन की मदद से बिना किसी अन्य वेल्डिंग सामग्री के इलेक्ट्रिक शॉक के जरिए पटरियों को आपस में जोड़ा जाएगा। फिलहाल, इस ऑटोमेटिक वेल्डिंग मशीन की टेस्टिंग की जा रही है, जल्द ही डिपो परिसर में ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा।
इस संबंध में यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि पारंपरिक तौर पर प्रयोग की जाने वाली एलुमिनोथर्मिक वेल्डिंग प्रणाली की तुलना में फ्लैश बट वैल्डिंग के जरिए लंबी दूरी की रेल पटरी को आसानी के साथ बेहद कम समय में वेल्ड किया जाता है। पारंपरिक प्रणाली के जरिए दो पटरियों को आपस में जोडऩे में लगभग 50 मिनट का समय लगता है, जबकि फ्लैश बट वैल्डिंग के जरिए महज 15 मिनट में दो पटरियों का आपस में जोड़ा जा सकता है। बता दें कि आगरा मेट्रो द्वारा प्रयोग की जाने वाली फ्लैश बट वैल्डिंग मशीन पूर्णतया: ऑटोमेटिक है। आने वाले वक्त में प्रयोरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग में ट्रैक बिछाने के दौरान भी इसी वेल्डिंग मशीन का प्रयोग किया जाएगा। वायाडक्ट में ट्रैक बिछाने के दौरान इस मशीन को क्रेन की मदद से वायाडक्ट तक ले जाकर ट्रैक को आपस में वेल्ड किया जाएगा।
आगरा मेट्रो के लिए दो अलग-अलग लंबाई की पटरियों का प्रयोग किया जाएगा। डिपो परिसर में बैलास्टिड ट्रैक के लिए 13 मीटर लंबी स्वदेशी पटरी रेल का प्रयोग किया जाएगा, जबकि वायाडक्ट में बैलास्टलैस ट्रैक के लिए स्विजरलैंड की कंपनी ईस्ट मेटल्स, ऐजी द्वारा निर्मित 18 लंबी पटरियों का प्रयोग किया जाएगा।