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वाराणसी। शैलेश श्रीवास्तव 26 मार्च २०२२।
राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ प्रमुख सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष समीप आ रहा है , हर तीन वर्ष में संघ भूगोलिक व् कार्य के आयामों में विस्तार को लेकर योजनाएं बनाता है ।
अभी देश भर में पचास प्रतिशत मंडलों में संघ का कार्य पहुंचा है , इस कारण इसे सभी मंडलों तक पहुँचाने का लक्ष्य है ।
इसमें यह ध्यान रखने कि आवश्यकता है कि संघ का कार्य बढ़ने का मतलब आंकड़ों से नहीं है , संघ का उद्देश्य समाज कि आतंरिक शक्ति को बढ़ाना है ताकि सामाजिक एकता समरसता संगठन भावना है ।
संघ प्रमुख अपने 4 दिवसीय काशी प्रवास के तीसरे दिन शुक्रवार को प्रवास स्थल विश्वसंवाद केंद्र में काशी प्रान्त के प्रचारकों के साथ बैठक कर रहे थे , इस दौरान संघ प्रचारक , बौद्धिक शिक्षण प्रमुख , प्रान्त संपर्क प्रमुख , प्रान्त व्यवस्थापक , प्रान्त सेवा प्रमुख आदि मौजूद रहे । इसमें प्रमुख रहे प्रान्त प्रचारक रमेश , अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजित प्रसाद महापात्र , क्षेत्र कार्यवाह वीरेंद्र , विभाग संघचालक जेपी लाल , क्षेत्र प्रचारक अनिल आदि मौजूद रहे ।
इसके पूर्व संघ प्रमुख ने प्रवास स्थल पर ही शाखा में शामिल हुए , वह 23 मार्च को गोरखपुर से काशी पहुंचे थे , उसके बाद गाज़ीपुर के जखनिया स्थित हथियाराम मठ चले गए थे , गुरुवार को उन्होंने गंगा आरती में भाग लेने के साथ ही बाबा विश्वनाथ ने नव्य भव्य स्वरुप का दर्शन पूजन किया था , उसके बाद वह देर रात बाबा काल भैरव के दरबार में भी मत्था टेका । अभी वह वाराणसी में ठहर कर संघ और स्थानीय आयोजनों में हिस्सा लेंगे । संघ प्रमुख के प्रवास स्थल पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए हैं , भरु पुलिस बल का पहरा लगाया गया है । किसी को संवाद केंद्र के अंदर जाने कि अनुमति नहीं है , केवल संघ के चिन्हित स्वमसेवकों को ही अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा है , उन्हें भी मोबाइल ले जाने कि अनुमति नहीं है ।
काशी प्रवास के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प.पू.सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का अवलोकन किया तथा काशी के कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन कर पूजन व आरती की।