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विवेक कुमार जैन
आगरा 10 जुलाई।पोखरा नेपाल से 1500किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा के बाद नेपाल केसरी मानव मिलन प्रेरक जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र महाराज ने अपने अनुगामी जैन संत पुनीत मुनि एवम विराग मुनि के साथ आगरा में भव्य मंगल प्रवेश किया।साहित्य कुंज एम जी रोड से नरेश चपलावत के निवास स्थान से नियत समय पर भव्य शोभा यात्रा के साथ जैन मुनियों का मंगल प्रवेश राजा की मंडी महावीर भवन स्थानक में हुआ।जैन धर्म की जय जयकार नारों के बीच सैकड़ों जैन धर्म प्रेमियों ने भारी वर्षा एवम उफनती सड़कों की परवाह किए बिना शोभा यात्रा को जारी रखा।मंगल यात्रा के दौरान 1 किलोमीटर का सफर जैन मुनियों एवम उनके शिष्यों ने एक एक पानी के बीच में पूरा किया लेकिन इस दौरान उनके उत्साह में कोई कमी नहीं रही।महावीर भवन में मंगल प्रवेश के बाद एक धर्म सभा का आयोजन किया गया।
श्रद्धा परम दुर्लभ है : जैन मुनि मणिभद्र महाराज
आगरा में अपने अनुगामी दो जैन मुनि पुनीत मुनि एवम विराग मुनि के साथ मंगल प्रवेश के बाद जैन मुनि मणिभद्र जी महाराज ने महावीर भवन स्थानक में श्रावकों को संबांधित करते हुए कहा कि श्रद्धा का तात्पर्य है सच्चाई, यतार्थ, वास्तविकता को जानना और इस सच्चाई को जीवन में जीना केवल परमात्मा का नाम लेने या किसी धर्म स्थान पर जाकर पूजा उपासना करने से श्रद्धा हो जाये ऐसा नहीं है। सच्ची श्रद्धा वह है, जो कि जीवन की सच्चाई को जानने से होती है। परन्तु वह परम दुलर्भ है। अनुभव से। पहले भरोसा कर पाना कठिन अवश्य है।
संत प्रवर ने कहा कि वीतराग प्रभु महावीर स्वामी ने अपने सन्देश में कहा है कि अनन्त सत्य को जानने, पहचानने के लिए बुद्धि का दरवाजा खुला रखना ही श्रद्धा है। सत्य को समझने के लिए हमेशा जिज्ञासा बनी रहनी चाहिए। हमें धर्म व अधर्म दोनों को सुनकर जानना है कि क्या श्रेयस्कर है ? हम जितना सुनेंगे,’ पढ़ेंगे, तभी ज्ञान के दरवाजे में प्रवेश करने का मौका मिल सकता है।अगर हमने धर्म को अपना लिया तो अर्थ अपने आप आ जायेगा लेकिन हम लक्ष्मी की चाह में धर्म का साथ छोड़ देते है।इस कारण हमे संतों के सानिध्य में आकर स्वयं को बदलना होगा।इससे पूर्व इस धर्म सभा में देहली,मेरठ,सोनीपत,मुजफ्फर नगर,पानीपत सहित अनेक जिलों से आए धर्म प्रेमियों ने जैन मुनियों के मंगल प्रवेश पर अपने भाव पुष्प रूपी भाव व्यक्त किए।इस अवसर पर जैन मुनि मणिभद्र की सांसारिक माता जो की नेपाल से आई थे विमला जी का जैन समाज ने अभिनंदन किया।महिला जागृति मंडल आगरा,मेरठ महिला मंडल
संजीव कुमार जैन मेरठ ,सुरेश जैन मेरठ ,स्तुति मंडल आगरा ने भजन की प्रस्तुतियां दी।कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के महासचिव राजेश सकलेचा एवम प्रेमचंद जैन द्वारा किया गया।इस अवसर पर अशोक जैन ओसवाल ,नरेश चपलावत,मुकेश चप्लावत सुरेश सुराना,संदेश जैन,विवेक कुमार जैन, आदेश बुरड़, वैभव जैन ,नितिन जैन ,ध्रुव जैन,अशोक जैन गुल्लू सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
प्रवचन मानव जीवन में आमूल चूल
परिवर्तन लाते है :एस.पी.सिंह बघेल
भाषण और प्रवचन का अंतर यही है भाषण का असर केवल भाषण दिए जाने तक अथवा वोटिंग बूथ तक होता है लेकिन व्याख्यान और प्रवचन किसी भी व्यक्ति के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते हैं। यह उदगार है केंद्रीय कानून राज्य मंत्री प्रोफेसर एस पी सिंह बघेल के जो उन्होंने जैनमुनि डॉक्टर मणिभद्र महाराज के आगरा में मंगल प्रवेश के अवसर पर आयोजित एक धर्म सभा मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।श्री बघेल ने कहा कि जैन मुनि के प्रवचन में इतनी शक्ति होती है की वह सनातन धर्मावलंबियों को भी जैन बना देती है।केंद्रीय मंत्री ने कहा आज महावीर और बुद्ध के मार्ग की आवश्यकता है युद्ध का रास्ता ठीक नही है।जैन मुनि की प्रेरणा द्वारा स्थापित अंतर्राष्ट्रीय संस्था मानव मिलन की परिकल्पना की सराहना करते हुए श्री बघेल ने कहा कि इसी तरह यह देश गांधी ,बुद्ध और महावीर के मार्ग पर चल सकेगा। उन्होंने आगरा के सांसद होने के नाते जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र जी का अभिनंदन भी किया।