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गाँधीनगर, 13 अगस्त 2022:
राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का अधिकतम् लाभ किसानों और अंतिम छोर के साधारण मानव को मिले।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को गांधीनगर स्थित गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी-GNLU) में स्कूल ऑफ़ ड्रोन का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।
श्री पटेल ने शनिवार को अहमदाबाद स्थित कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत जीएनएलयू-गांधीनगर में स्कूल ऑफ़ ड्रोन का शुभारंभ कराया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेशभाई पटेल तथा श्रम, कौशल्य विकास व रोज़गार मंत्री श्री ब्रिजेशभाई मेरजा उपस्थित रहे।
श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी के निरंतर मार्गदर्शन के कारण गुजरात कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में देश का ग्रोथ इंजन बना है।
गुजरात सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम् लाभ अंतिम छोर के मानव व लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी सही अर्थ में वरदान समान सिद्ध होगी।
आज गुजरात में स्कूल ऑफ़ ड्रोन का शुभारंभ किया गया है। समग्र देश में ड्रोन टेक्नोलॉजी में इंस्ट्रक्टर, पायलट, मेंटेनेंस तथा उत्पादन क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन कर गुजरात अग्रसर राज्य बना है।
कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) मान्यता प्राप्त ड्रोन प्रशिक्षण का राज्य स्तरीय प्रथम विश्वविद्यालय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में ड्रोन टेक्नोलॉजी के विकास के लिए आर्थिक सहायता का भी भुगतान किया जाता है। स्टार्टअप क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों से समग्र देश में गुजरात प्रथम स्थान पर है।
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप के माध्यम से आज़ादी के अमृत काल में गुजरात सहित समग्र देश सभी क्षेत्रों में प्रगति करे; इस दिशा में हम सभी को संयुक्त प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेंद पटेल के करकमलों से डीजीसीए मान्यता प्राप्त ड्रोन प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को ड्रोन पायलट लाइसेंस प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री सहित महानुभावों की उपस्थिति में जीएनएलयू कैम्पस में ड्रोन निर्माण करने वाली विभिन्न कम्पनियों द्वारा ड्रोन अभ्यास भी किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेशभाई पटेल ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी से स्वास्थ्य, जल संसाधन, कृषि एवं रक्षा क्षेत्र में विकास का नया सोपान रचेगा। आज उभरते ड्रोन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में विकास के विपुल अवसर रहे हुए हैं।
ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग स्वास्थ्य, जल संसाधन, कृषि, रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में शुरू हुआ है। ऐसे में ड्रोन निर्माण, मरम्मत से लेकर उसे चलाने तक का प्रशिक्षण इस नए स्कूल ऑफ़ ड्रोन द्वारा दिया जाएगा।
श्रम, कौशल्य विकास तथा रोज़गार राज्य मंत्री श्री ब्रिजेशभाई मेरजा ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में रहे व्यापक अवसरों का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुदृढ़ आयोजन किया गया है। ड्रोन टेक्नोलॉजी एक विकसित हो रहा क्षेत्र है।
इस टेक्नोलॉजी का उपयोग स्वास्थ्य, कृषि एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में हो रहा है। ऐसे में आने वाले समय में स्किल्ड ड्रोन पायलट की मांग से निपटने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत स्कूल ऑफ़ ड्रोन का शुभारंभ किया गया है।
इंडियन फ़ार्मर्स फ़र्टिलाइज़र को-ऑपरेटिव (इफ़को-IFFCO) के अध्यक्ष श्री दिलीप संघाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न के फलस्वरूप आज भारत भर में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग सीमा सुरक्षा के लिए ही नहीं; अपितु कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार सहित अनेक क्षेत्रों में भी होने लगा है।
इफ़को द्वारा पहली बार तरल नैनो यूरिया की खोज की गई, तब खेतों में कीटनाशक के छिड़काव के लिए ड्रोन की आवश्यकता उत्पन्न हुई। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ड्रोन के नियमों में बड़े संशोधन-परिवर्तन किए गए, जिसके कारण आज इफ़को द्वारा ड्रोन क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षण देना संभव हुआ है।
इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में इफ़को ने गुजरात सरकार के साथ एमओयू भी किया है, जिसके चलते समग्र देश में ड्रोन का अधिक उपयोग गुजरात में हो रहा है।
इस अवसर पर श्री संघाणी ने इफ़को की ओर से प्रशिक्षण के लिए गुजरात सरकार को भेंट स्वरूप चार ड्रोन भी देने की घोषणा की।
आज हम गुजरात में स्कूल ऑफ़ ड्रोन की स्थापना की गई है। इस ड्रोन टेक्नोलॉजी द्वारा आगामी तीन वर्षों में लगभग 20,000 मानव संसाधन को रोज़गार देने का लक्ष्य है।
इस क्षेत्र में इफ़को के सहयोग से 60 इंस्ट्रक्टर ने कार्य करना भी शुरू कर दिया है। ड्रोन का प्रशिक्षण लेने वालों को डीजीसीए द्वारा लाइसेंस भी दिया जाता है। राज्य के किसानों को रियायती दर पर ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य के 50 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI-आईटीआई) में ड्रोन प्रशिक्षण देने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आईटीआई में राज्य के कक्षा 10 उत्तीर्ण उम्मीदवार ड्रोन पायलट प्रशिक्षण ले सकेंगे। इसके अलावा आईटीआई में ड्रोन से जुड़े ड्रोन मैन्युफ़ैक्चरिंग एंड सर्विसेज़ तथा ड्रोन प्रोसेसिंग एंड एनालिटिक्स कोर्स कराए जाएँगे।