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गांधीनगर, 1 सितम्बर 2022: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के 111 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मुहैया कराने के उदार दृष्टिकोण से एक और क्रांतिकारी कृषि हितैषी निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय के अनुसार खारीकट-फतेवाड़ी योजना के लगभग 35 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को सरदार सरोवर नर्मदा योजना के सिंचित क्षेत्र में शामिल कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नियमित पानी के अभाव में खारीकट-फतेवाड़ी योजना के इस लगभग 35 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को पिछले कई वर्षों से सिंचाई के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा था।
इतना ही नहीं, अब तक सरदार सरोवर योजना से संभव हो उतना पानी इस सिंचित क्षेत्र को प्रदान कर खेती को बचाया गया था। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इन 111 गांवों के लगभग 35 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को सरदार सरोवर योजना के सिंचित क्षेत्र में शामिल करने का त्वरित निर्णय कर लंबे समय से लंबित इस समस्या का सुखद हल निकाला है।
श्री भूपेंद्र पटेल के इस किसान हितकारी निर्णय के परिणामस्वरूप 111 गांवों के 6,000 से अधिक किसानों को भी सिंचाई के लिए सरदार सरोवर के सिंचित क्षेत्रों के किसानों को मिलने वाले निर्धारित पानी की तरह ही नर्मदा का पानी मिलने लगेगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में 3 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर हॉर्टिकल्चर तथा 4 प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर का ई-शिलान्यास किया
गाँधीनगर, 1 सितम्बर 2022: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने आज राज्य में 3 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर हॉर्टिकल्चर तथा 4 प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर का गुरुवार को जामनगर ज़िले के ध्रोल से ई-शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने राज्य में बाग़बानी फ़सलों की वैल्यूचेन स्थापित कर किसानों की आय बढ़ाने के आशय से इन केन्द्रों का निर्माण करने का निर्णय किया है। इसके अंतर्गत अहमदाबाद, जामनगर व खेडा में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर हॉर्टिकल्चर बनेंगे तथा बनासकाँठा, कच्छ, जामनगर, नवसारी व पंचमहाल ज़िलों में प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर बनेंगे।
श्री पटेल ने इस अवसर पर कमलम फल की बुवाई के लिए 3 नई योजनाओं; सहायता कार्यक्रम, कॉम्प्रिहेंसिव हॉर्टिकल्चर डेवपमेंट कार्यक्रम एवं मिशन मधुमक्खी कार्यक्रम का राज्यव्यापी शुभारंभ भी कराया। सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत कमलम फल की बुवाई करने वाले सामान्य किसानों को प्रतिहेक्टेयर अधिकतम् 3 लाख रुपए तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को प्रतिहेक्टेयर अधिकतम् 4.50 लाख रुपए सहायता मिलेगी।
गुजरात के किसान सामूहिक बहुवर्षीय फल फ़सलों की व्यावसायिक बुवाई करें तथा ऐसे किसानों के प्रारंभिक ऊँचे निवेश के समक्ष आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट कार्यक्रम क्रियान्वित किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी किसानों, कृषि योग्य भूमिधारक रजिस्टर्ड ट्रस्टों, फ़ार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइज़ेशनों (FPO), फ़ार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों (FPC), सहकारी मंडलियों के सभासदों को लाभ मिलेगा। मधुमक्खी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी पालन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, कोल्ड रूम, बी क्लिनिक जैसे घटकों में सहायता देने के लिए मिशन मधुमक्खी कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत FPO, FPC तथा ‘A’ ग्रेड सहकारी संस्थानों द्वारा किसानों/सभासदों को 75% तक सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात में 20 वर्षों में बाग़बानी फ़सलों का बुवाई क्षेत्र 6.92 लाख हेक्टेयर से बढ़ कर 19.77 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 62.01 लाख मैट्रिक टन से बढ़ कर 250.52 लाख मैट्रिक टन हुआ है। राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 वर्षों में 35 लाख से अधिक बाग़बानी किसानों को विभिन्न बाग़बानी योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम बाग़बानी क्षेत्र के विकास के लिए सीमाचिह्न (माइलस्टोन) समान है। नए बनने वाले 4 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर हॉर्टिकल्चर सहित समग्र राज्य में कुल 9 सेंटर कार्यरत् होंगे, जिनसे बाग़बानी कृषि मुनाफ़ाकारी बनेगी और बाग़बानी क्षेत्र में किसानों को अधिक ढाँचागत सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। राज्य सरकार ने मधुमक्खी पालन के लिए समग्र राज्य में 10 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
श्री पटेल ने राज्य की बाग़बानी कृषि की स्थिति का विवरण देते हुए गर्वपूर्वक कहा कि राज्य के केसर आम को जियोग्राफिकल इंडीकेशन्स (जीआई) टैग मिला है। गुजरात राज्य भिंडी व चीकू फ़सल उत्पादन में समग्र देश में प्रथम स्थान पर है। यह गुजरात के बाग़बानी खेती करने वाले किसानों के लिए गौरव की बात है।
इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चालू वर्ष में बाग़बानी कृषि के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है और पिछले 5 वर्षों में समूचे राज्य के 7.26 लाख लाभार्थियों ने सरकार की विभिन्न बाग़बानी योजनाओं के लाभ प्राप्त किए हैं।
श्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आरंभ किए गए ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नैम) का उल्लेख करते हुए कहा कि इस व्यवस्था द्वारा समग्र राज्य के किसान समग्र देश के किसानों के साथ परस्पर संपर्क में रह सकेंगे, जिससे उन्हें कृषि उत्पादों के अधिकतम् मूल्य मिल सकेंगे। उन्होंने कहा राज्य भर में लागू की गई ड्रोन टेक्नोलॉजी का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए 35 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है तथा 1.40 लाख एकड़ भूमि को इस टेक्नोलॉजी के अंतर्गत समाविष्ट कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि ड्रोन टेक्नोलॉजी द्वारा किसान अपने खेत में खाद डाल सकेंगे तथा उनका मज़दूरी ख़र्च बचेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ की ओर प्रगति में यह एक उपयोगी क़दम सिद्ध होगा। श्री पटेल ने इस अवसर पर ध्रोल के जी. एम. पटेल हाईस्कूल परिसर में लगाए गए कृषि उत्पाद स्टॉल्स को देखा और बाग़बानी कृषकों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने जामनगर ज़िले के बाग़बानी विभाग के लाभार्थियों व अन्य लाभार्थियों को राज्य सरकार की योजनागत सहायता एवं प्रमाणपत्र वितरित किए।
मुख्यमंत्री के करकमलों से महुधा, मेहमदाबाद तथा खेडा तहसीलों के 21.47 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का ई-शिलान्यास
नीति आयोग के मानदंडों के अनुसार वित्तीय प्रबंधन में गुजरात देश में शीर्ष पर : मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल
गाँधीनगर, 3 सितम्बर 2022: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को खेडा ज़िले में महुधा, मेहमदाबाद तथा खेडा तहसीलों के अनुमानित 21.47 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनों का ई-शिलान्यास करते हुए कहा कि सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन विकास को वेग देता है। गुजरात में विकास में वित्तीय प्रबंधन की सुदृढ़ नींव है। नीति आयोग के मानदंडों के अनुसार वित्तीय प्रबंधन में गुजरात देश में शीर्ष पर है।
श्री पटेल ने महुधा में आयोजित ई-शिलान्यास समारोह में कहा कि विकास की राजनीति के विज़नरी लीडर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात विकास का ग्रोथ इंजन बना है। सरकार प्रधानमंत्री द्वारा दी गई विकास की परिभाषा को ‘आत्मनिर्भर गुजरात के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत’ के मंत्र से चरितार्थ करने को प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में छोटे-छोटे गाँव हों, शहर हों या क्षेत्र (एरियास) हों; सभी क्षेत्रों (फ़ील्ड्स) तक विकास पहुँचा है। गुजरात को विकास की सुदृढ़ नींव पर सर्वग्राही विकास क्षेत्र में अग्रसर बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में पिछले दो दशकों के विकास का आलेखन करते हुए कहा कि गुजरात में सड़क, बिजली, पानी, कृषि, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास हुआ है। दो दशक पूर्व गुजरात में धान फ़सलों का उत्पादन 2.48 लाख मैट्रिक टन होता था, जो आज 83.25 लाख मैट्रिक टन पर पहुँचा है।
इसी प्रकार बाग़बानी फ़सलों का उत्पादन 62 लाख मैट्रिक टन से बढ़ कर आज 250 लाख मैट्रिक टन पर पहुँचा है। शिक्षा में भी दो दशक पहले ड्रॉपआउट रेट 37 प्रतिशत था, जो आज घट कर 2 से 3 प्रतिशत रह गया है। औद्यौगिक उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपए से बढ़ कर आज 16 लाख करोड़ रुपए पर पहुँचा है। गुजरात में विकास की यह परिभाषा रही है।
समारोह में उपस्थित केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री देवूसिंह चौहाण ने कहा कि खेडा ज़िले में केवल दो ही दिनों में 221 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के साथ 200 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के प्रावधान की घोषणा की गई है। खेडा के आँगन में आज सुख व विकास के सूर्य का उदय हुआ है। श्री चौहाण ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) की रिपोर्ट के अनुसार भारत 10 वर्ष पूर्व विकसित देशों की तुलना में 11वें क्रम पर था, जो आज प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ब्रिटेन को पछाड़ कर समग्र विश्व में पाँचवें क्रम की अर्थ व्यवस्था बन गया है।
भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में भी देश तीव्रता से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि वर्ष 2027 में भारत वर्ष जब अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मना रहा होगा, तब देश की समस्त जनसंख्या डिजिटल पेमेंट से जुड़ चुकी होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने ई-तकती अनावरण द्वारा खेडा ज़िले की महुधा, मेहमदाबाद एवं खेडा तहसीलों के अनुमानित 21.47 करोड़ रुपए के 9 विकास कार्यों का ई-शिलान्यास किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के करकमलों से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) व (नगरीय), डॉ. बाबासाहब आंबेडकर आवास योजना, दूध घर निर्माण सहायता योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन-सामुदायिक निवेश कोष (एनआरएलएम-सीआईएफ़) और गुजरात नगरीय आजीविका मिशन (जीयूएलएम) सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को स्वीकृति आदेश, प्रमाणपत्र, आवास कुंजी एवं सहायता चेक का वितरण किया गया।