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विवेक कुमार जैन
आगरा 6 मार्च।
अलीगढ़ जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक डी के गौतम शनिवार को आगरा न्यायालय में दहेज उत्पीड़न की धारा 498-A की तारीख पड़ने पर आगरा न्यायालय में आये हुए थे उन्होंने अपने आंतरिक पीड़ा को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पंडित पूरन चन्द्र गौतम के निवास पर व्यक्त करते हुए हुए बताया कि 498-A दहेज उत्पीड़न की धाराओं का लड़की पक्ष वाले लड़के पक्ष पर झूठा आरोप लगाकर ज्यादातर इस धारा का दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का भी मानना है कि इस कानून का बहुत-सी महिलाएँ दुरुपयोग करने लगी हैं। वे या तो झूठे मुकदमे दर्ज कराती हैं या बात बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करती हैं।
अलीगढ़ स्टेशन अधीक्षक डी के गौतम ने बताया कि इस तरह झूठी शिकायतों के वे ही शिकार नहीं हुए हैं। लगभग 50 फीसदी लड़के पक्ष के माता पिता इस तरह की झूठी शिकायतों का सामना प्रतिदिन न्यायालयों में करते हैं। उन्होंने बताया कि एक सर्वेक्षण के मुताबिक, जिसमें विख्यात पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी भी इस तरह के बयानों में शामिल रही थीं, किरण बेदी के अनुसार दहेज विरोधी कानून के तहत जितने मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं उनमें से अधिकांश झूठे व निराधार होते है। इसलिए काफी अर्से से यह माँग की जा रही थी कि दहेज विरोधी कानून में इस किस्म के परिवर्तन किए जाएँ कि उसके दुरुपयोग को रोका जा सके, लेकिन अभी तक इस सिलसिले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सरकार को इस सन्दर्भ में गहराई से विचार मंथन करे जिससे इस 498-A की धारा का लड़के पक्ष के परिवार पर दुरुपयोग न हो सके।
अलीगढ़ जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक डी के गौतम ने बताया कि उनके इकलौते बेटे अनुपम गौतम की शादी रेलवे सेक्शन इंजीनियर अर्जुन नगर आगरा निवासी जय प्रकाश गौतम की बेटी रिचा गौतम के साथ वर्ष 2019 में आगरा में हुई थी, लेकिन 3 माह के बाद ही रिचा गौतम ने आये दिन घरेलू उत्पात मचाना आरम्भ कर दिया तब मजबूरी में वर्ष 2020 में अलीगढ़ स्टेशन अधीक्षक के बेटे अनुपम गौतम ने तलाक के केस का मुकदमा अलीगढ़ से दायर किया था, तलाक का केस दायर करने के बाद लड़की के पिताजी आगरा निवासी जय प्रकाश गौतम ने स्टेशन अधीक्षक डी के गौतम एवम उसके परिवार के ऊपर 498A, 504, 506, 323 के झूठे मुकदमे दर्ज करा रखे हैं।
डी के गौतम ने बताया कि वह डायबिटीज और हृदय रोग के मरीज हो चुके हैं, वर्तमान के इन झूठे मुकदमों ने मुझे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया है। आये दिन लड़की के पिताजी झूठे मुकदमे दायर करने की धमकियां देते रहते हैं, जिससे अब मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।