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लखनऊ, 5 दिसंबर 2021। जब जनता के बीच जाने की ज़रूरत थी तब अखिलेश यादव कहीं नज़र नहीं आये। इसीलिए सपा अब आ नहीं रही है बल्कि हमेशा के लिए जा रही है। जनता के मुद्दों पर निरंतर लड़ रही कांग्रेस ही अब सत्ता में आने वाली है।
अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा हर रविवार को फेस बुक लाइव के ज़रिये होने वाले स्पीक अप कैंपेन के तहत आज नेताओं ने ये बातें कहीं। इस अभियान की आज 24 वीं कड़ी थी।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने अपने संबोधन में कहा कि अखिलेश यादव ज़रूरत के समय लोगों के बीच नहीं जाते। यहाँ तक कि अपने संसदीय क्षेत्र आज़मागढ़ भी नहीं गए जबकि सीएए-एनआरसी का विरोध करने के कारण वहाँ की मुस्लिम महिलाओं का पुलिस दमन किया गया। वहाँ पर भी सिर्फ़ प्रियंका गांधी ही गयीं। इसी तरह मुज़फ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, लखीमपुर, हाथरस, सोनभद्र भी सिर्फ़ प्रियंका गांधी ही गयीं। एक तड़ीपार के डर से अखिलेश घर में दुबके रहे। उनका पूरा संघर्ष किसी तरह सिर्फ़ घर में अपने को नजरबंद करा लेने तक का ही रहा।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पिछले चुनावों से अखिलेश यादव की अपनी बिरादरी का वोट तेज़ी से उनसे दूर भागा है। यहाँ तक कि कन्नौज, फ़िरोज़ाबाद और बदायूं तक में वो अपनी बिरादरी को सपा में रोक नहीं पाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में यादव बिरादरी की कुल आबादी 5 प्रतिशत है और इसमें से भी आधा से ज़्यादा सपा को छोड़ चुका है। जो लोग बचे भी हैं वो सपा के मुस्लिम प्रत्याशियों को वोट नहीं देते। अगर भाजपा उनकी बिरादरी को टिकट दे देती है तो भी इनका वोट उधर चला जाता है। अब मुसलमान भी उन्हें वोट नहीं देगा जो उसे वोट नहीं देते।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अखिलेश यादव को मुस्लिम शब्द और समाज से चिढ़ है। इसीलिए वो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सौ साल होने पर ट्वीट करते हुए उसके नाम से मुस्लिम शब्द ही हटा देते हैं तो कभी मुस्लिम नेताओं को स्टूल पर बैठा कर अपमानित करते हैं।