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मेरठ, शहर संवाददाता । सीएम योगी ने कहा कि मेरे सामने जब इस सम्मेलन का प्रस्ताव प्रस्ताव आया तो मैंने कहा कि चार साल पहले यह कार्यक्रम कानपुर में हुआ था। मैंने कहा कि देश के उप- राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जाना है। मेरठ की पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर इन आयुर्वेद के विशेषज्ञ की और से स्वागत करता हूं। इस क्षेत्र में आयुर्वेद के कई सारे विशेषज्ञ रहे हैं। जिन्होंने अपने समय में विषम समय में वैद्य रामप्रसाद, वैद्य मुरारी लाल शर्मा, पशुपति, विष्णुनाथ शर्मा ने आयुर्वेद के माध्यम से आयुष की पद्धति को आगे बढ़ाने का काम किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ भारत के इतिहास की धरती है। महाभारत की धरती है। हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखकर इतिहास रचा था। धर्म, कर्म, काम, मोक्ष इससे संबंधित जो है, वह इस ग्रंथ में हैं। कहा कि मेरठ क्रांति धरा है। अन्नदाता किसानों के पुरुषार्थ की धरा है।उन्होंने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति ने नौ वर्ष के अंदर दुनिया में लंबी छलांग लगाई है, जिसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। जिन्होंने पहली बार परंपरागत चिकित्सा पद्धति को आयुष मंत्रालय बनाकर योग, आयुर्वेद आदि को लेकर मंत्रालय का गठन किया।
आज 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मना रही है। हर कस्बे, प्रांत, शहर में लोग योग की हर क्रिया से जुड़ते हैं। पीएम मोदी के प्रयासों का परिणाम आज हमारे सामने है। सीएम योगी ने कहा कि इतने सारे आयुर्वेद के विशेषज आज एक मंच पर मौजूद हैं, यह बड़े सौभाग्य की बात है। सीसीएसयू में तीन दिवसीय अखिल भारतीय आयुर्वेद पर्व (महासम्मेलन) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आयुर्वेद का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि मानव चिकित्सा में आयुर्वेद का बहुत महत्व है। सीएम योगी ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का संचालन हो गया है। प्रदेश लगातार इन पद्धतियों को सराहने के लिए कार्य कर रही है। इस सदी ने महामारी में आयुर्वेद के महत्व को समझा है। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे। उन्होंने कहा कि कल ही विवि को ए प्लस प्लस की ग्रेडिंग मिली है।
आज ये सम्मेलन इस बात की गवाही दे रहा है कि जैसे नैक विश्व विद्यालय ने उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल की है, वैसे ही आयुर्वेद भी आगे बढ़ेगा। योगी ने कहा कि मेरे सामने जब इस सम्मेलन का प्रस्ताव प्रस्ताव आया तो मैंने कहा कि चार साल पहले यह कार्यक्रम कानपुर में हुआ था। मैंने कहा कि देश के उप- राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जाना है। मेरठ की पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर इन आयुर्वेद के विशेषज्ञ की और से स्वागत करता हूं। इस क्षेत्र में आयुर्वेद के कई सारे विशेषज्ञ रहे हैं। जिन्होंने अपने समय में विषम समय में वैद्य रामप्रसाद, वैद्य मुरारी लाल शर्मा, पशुपति, विष्णुनाथ शर्मा ने आयुर्वेद के माध्यम से आयुष की पद्धति को आगे बढ़ाने का काम किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ भारत के इतिहास की धरती है। महाभारत की धरती है ।
हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखकर इतिहास रचा था। धर्म, कर्म, काम, मोक्ष इससे संबंधित जो है, वह इस ग्रंथ में हैं। कहा कि मेरठ क्रांति धरा है। अन्नदाता किसानों के पुरुषार्थ की धरा है।उन्होंने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति ने नौ वर्ष के अंदर दुनिया में लंबी छलांग लगाई है, जिसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। जिन्होंने पहली बार परंपरागत चिकित्सा पद्धति को आयुष मंत्रालय बनाकर योग, आयुर्वेद आदि को लेकर मंत्रालय का गठन किया।