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गाजीपुर, (संवाददांता)। नेपाल के पोखरा विमान हादसे में मृत चारों युवकों युवकों का शव नौवें दिन मंगलवार की सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा। ताबूत में बंद शवों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, ताबूत में बंद टुकड़ों में आए, देखते ही मचा कोहराम लेकिन उसे खोला नहीं गया।परिजनों के रोने-बिलख से चित्कार मची रही। इधर सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
15 जनवरी को नेपाल के पोखरा विमान हादसे में बरेसर थाना क्षेत्र के चकजैनब गांव निवासी अनिल राजभर, सोनू जायसवाल, अलावलपुर अफगां के विशाल शर्मा और धरवा के अभिषेक कुशवाहा की मौत हो गई थी। घटना के बाद से ही परिजनों में कोहराम मचा हुआ था। उनके रोने भी बिलखने से इन तीनों गांव में ही नहीं आसपास के अन्य गांव में भी मातमी सन्नाटा पसरा था।मृतकों का गौसपुर स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। मालूम हो कि 15 जनवरी को नेपाल के पोखरा विमान हादसे में बरेसर थाना क्षेत्र के चकजैनब गांव निवासी अनिल राजभर, सोनू जायसवाल, अलावलपुर अफगां के विशाल शर्मा और धरवा के अभिषेक कुशवाहा की मौत हो गई थी। घटना के बाद से ही परिजनों में कोहराम मचा हुआ था। उनके रोने भी बिलखने से इन तीनों गांव में ही नहीं आसपास के अन्य गांव में भी मातमी सन्नाटा पसरा था।
पुलिस और प्रशासनिक अधि्कारियों के अलावा राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिनिधिमंडल पहुंचकर परिजनों को सांत्वना देने में जुटे थे। सुबह करीब 9 बजे चारों युवकों का शव अलग-अलग एंबुलेंस से गाजीपुर लाया गया था। शव रक्सौल होते हुए जैसे ही सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा। बेसुध पड़े परिजन दहाड़े मारकर चित्कार करने लगे। ताबूत में आए शव को खोला नहीं गया। परिवार के लोग अंतिम क्षण भी अपने लाल का चेहरा नहीं देख पाए। फूल माला चढ़ाकर युवकों को श्रद्धांजलि दी गई। मृतकों की अंतिम यात्रा गौसपुर के लिए रवाना हुई। अलग-अलग चिताओं पर रखकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दृश्य को देख वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आई। वहीं सुबह से जिला और पुलिस प्रशासन के अधि् ाकारियों की गहमागहमी बढ़ गई थी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से बरेसर, कासिमाबाद, नोनहरा, मुहम्मदाबाद सहित कई थानों की फोर्स सड़कों से लेकर उनके घरों तक तैनात थी। वहीं स्थानीय तहसील के अधिकारियों की भी मौजूदगी बनी हुई थी।