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देहरादून संवाददाता । उत्तराखंड के आरएसएस प्रांत प्रचारक युद्धवीर सिंह को बदनाम करने की साजिश की कथित साजिश के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि एक फर्जी सूची वायरल करके यह बताने की कोशिश की गई कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करने अपने रिश्तेदारों और नातेदारों को सरकारी नौकरियां दिलवाईं।
संघ पदाधिकारियों ने डीजीपी अशोक कुमार से भेंट कर उन्हें एक एफआईआर दी। इसमें कहा गया है कि किसी व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर एक सूची वायरल की। इसमें बताया गया है कि प्रांत प्रचारक युद्धवीर सिंह ने 2017 से 2022 तक विभिन्न सरकारी संस्थानों में अपने रिश्तेदारों और नातेदारों को सरकारी नौकरियों में लगवाया। यह सूची संघ और प्रांत प्रचारक को बदनाम करने के इरादे से जारी की गई है।
इस मामले में साइबर थाने में एक मुकदमा भी पंजीकृत किया गया है। इसमें कहा गया है कि सबसे पहले यह सूची प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख नीरज मित्तल को उनके व्हाट्सएप पर मुकेश गोयल से मिली। पूछताछ में बता चला कि मित्तल को यह सूची संजीव अग्रवाल ने और संजीव को सुरेश जोशी ने भेजी। एफआईआर में इन सभी के मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सूची में लिखे गए लोगों का प्रांत प्रचारक से कोई वास्ता नहीं है। और न ही ये लोग किसी सरकारी संस्थान में नौकरी कर रहे हैं।
डीजीपी अशोक कुमार ने साइबार थाने को इस मामले में त्वरित विवेचना कर आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया है। यह मामला आईटी एक्ट की धारा 66 सी और आईपीसी की धारा 501 और 506 के तहत दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा संगठन के मातृ संगठन से जुड़ा होने की वजह से इस मामले में पुलिस जल्द ही बड़ा एक्शन ले सकती है।