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सहारनपुर, (संवाददांता)। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद थाना क्षेत्र के एक गांव में कथित मुठभेड़ में एक युवक को मार गिराने के मामले में अदालत के आदेश पर तीन पुलिस उप निरीक्षकों समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूरज राय ने बताया कि अदालत के आदेश पर तीन दरोगाओं सहित 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है और पूरे मामले की जांच कराकर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।पुलिस के अनुसार, पांच सितंबर 2021 को देवबंद थाना क्षेत्र के थीथकी गांव में पुलिस और कथित गौ तस्करों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें रात के समय में गौ तस्करों द्वारा पुलिस पर गोली चलाई गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि जवाबी फायरिंग में कथित गौ तस्कर जीशान हैदर (42) के पैर में गोली लगी थी, जिसे पुलिस ने जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। अधि् ाकारी के मुताबिक, जीशान की मौत को लेकर उसके परिजनों और गांव वालों में भारी नाराजगी थी, क्योंकि उनका कहना था कि वह (जीशान) एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था और उसे गोकशी के फर्जी मामले में फंसाया गया था।मृतक की पत्नी अफरोज बेगम ने अदालत में पुलिस पर जीशान की हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी और मुख्घ्यमंत्री से भी ऑनलाइन शिकायत की थी। अफरोज ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि पांच सितंबर को वह अपने पति के साथ घर पर ही थी, तभी पुलिस ने फोन करके जीशान को पूछताछ के नाम पर बुलाया था।उसने कहा था कि बाद में खबर मिली कि जीशान के पैर में गोली लगी है और जब परिजन और ग्रामीण अस्पताल पहुंचे तो जीशान की मौत हो चुकी थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेएम अनिल कुमार ने उप निरीक्षक ओमवीर सिंह, यशपाल सिंह व असगर अली, मुख्य आरक्षी कुंवर भरत, प्रमोद कुमार, विपिन कुमार व सुखपाल सिंह और आरक्षी राजवीर सिंह, देवेंद्र,नीटू यादव, अंकित कुमार, बृजेश कुमार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश दिए और 24 घंटे के भीतर आख्या तलब की।एक अधिकारी ने बताया कि जवाबी फायरिंग में कथित गौ तस्कर जीशान हैदर (42) के पैर में गोली लगी थी, जिसे पुलिस ने जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। अधिकारी के मुताबिक, जीशान की मौत को लेकर उसके परिजनों और गांव वालों में भारी नाराजगी थी, क्योंकि उनका कहना था कि वह (जीशान) एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था और उसे गोकशी के फर्जी मामले में फंसाया गया था।मृतक की पत्नी अफरोज बेगम ने अदालत में पुलिस पर जीशान की हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी और मुख्घ्यमंत्री से भी ऑनलाइन शिकायत की थी। अफरोज ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि पांच सितंबर को वह अपने पति के साथ घर पर ही थी, तभी पुलिस ने फोन करके जीशान को पूछताछ के नाम पर बुलाया था। उसने कहा था कि बाद में खबर मिली कि जीशान के पैर में गोली लगी है और जब परिजन और ग्रामीण अस्पताल पहुंचे तो जीशान की मौत हो चुकी थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेएम अनिल कुमार ने उप निरीक्षक ओमवीर सिंह, यशपाल सिंह व असगर अली, मुख्य आरक्षी कुंवर भरत, प्रमोद कुमार, विपिन कुमार व सुखपाल सिंह और आरक्षी राजवीर सिंह, देवेंद्र,नीटू यादव, अंकित कुमार, बृजेश कुमार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश दिए और 24 घंटे के भीतर आख्या तलब की।