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18 सितंबर, लखनऊ। सोशल मीडिया पर शिकायतों, झूठी सूचनाओं और अफवाहों पर पुलिस की पैनी नजर है। ऐसे मामलों में पुलिस ने एक हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए हैं और 35 हजार से ज्यादा पोस्ट के खिलाफ संबंधित कंपनी को कार्यवाही के लिए रिपोर्ट किया है और सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर लगाम और सख्त पुलिसिंग की वजह से पिछले तीन सालों में कोई दंगा या सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था को लेकर जीरो टॉलरेंस की रणनीति का नतीजा है कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़े भी तस्दीक कर रहे हैं, लेकिन इसमें बड़ी भूमिका सोशल मीडिया ने निभाई है। सीएम योगी के निर्देश पर सोशल मीडिया पर झूठ या अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती से कार्यवाही की जा रही है। जिस वजह से कानून व्यवस्था को चुस्त करने में पुलिस को काफी मदद मिली है। नवम्बर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्रीराम जन्मभूमि के फैसले के बाद सिर्फ पांच दिनों में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पर 78 मुकदमे दर्ज किए गए। साथ ही 14,380 सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्यवाही के लिए संबंधित कम्पनी को रिपोर्ट किया गया।
प्रदेश में सीएए को लेकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर किए गए आपत्तिजनक, भ्रामक, पोस्ट, मैसेज और वीडियो आदि को लेकर 2019 में 10 से 27 दिसंबर के बीच कुल 95 मुकदमे दर्ज कर 120 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान कुल 21,388 सोशल मीडिया पोस्ट के ऊपर कार्यवाही के लिए संबंधित कम्पनी को रिपोर्ट किया गया है।
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर 889 मुकदमे दर्ज किए गए, इनमें से 225 मुकदमे अफवाह या भ्रामक सूचना से संबंधित टिप्पणी, 454 मुकदमे सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाली टिप्पणी और 210 मुकदमे अन्य विभिन्न प्रकार की टिप्पणियों के बारे में भी किए गए।
सोशल मीडिया पर शिकायत करने पर दर्ज हुए 14,462 मुकदमे
पुलिस ने सोशल मीडिया पर शिकायत करने वालों की भी मदद की है। सोशल मीडिया पर चार सालों में 29 लाख 25 हजार शिकायतें मिलीं हैं, जिनमें से छह लाख 25 हजार 160 शिकायतें कार्यवाही योग्य मिलीं और कार्यवाही भी की गई। इसके अलावा थानों में शिकायतों की हीलाहवाली करने पर 14,462 मुकदमे सोशल मीडिया के माध्यम से दर्ज कराया गया है।
सोशल मीडिया से लोगों को मिल रही मदद भी
सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस ने लोगों की मदद भी की है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सिर्फ अप्रैल में करीब एक लाख 70 हजार ट्वीट पुलिस को मिले, जिनमें से अधिकांश आपातकालीन संचलन की अनुमति, भोजन-खाद्य पदार्थ की आपात व्यवस्था, चिकित्सीय सहायता, कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना और लॉकडाउन के उल्लंघन से संबंधित थे।
वाट्सअप पर दो लाख 10 हजार वालंटियर सक्रिय
पुलिस ने वाट्सअप के माध्यम से भ्रामक सूचनाएं और अफवाह फैलाने पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अक्तूबर 2018 में डिजिटल वालंटियर व्हाट्सअप ग्रुप बनाया है। इन डिजिटल वालंटियर के माध्यम से अफवाहों का खंडन करने के साथ-साथ गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश भी की जा रही है। फिलहाल, प्रदेश दो लाख 10 हजार वालंटियर सक्रिय रूप से पुलिस की मदद कर रहे हैं।