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विवेक कुमार जैन
आगरा: भारत के नास्त्रेदमस के नाम से विख्यात वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने भारत देश के वर्तमान प्रधानमंत्री के जन्म दिवस पर उनके सन्दर्भ में गहराई से बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी का नाम और पहचान आज पूरे विश्व में किसी से छुपा नहीं है। 17 सितम्बर 1950 को जन्मे नरेंद्र मोदी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 2014 से भारत के 14वें और वर्तमान प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे 2001 से 2014 तक और वर्तमान में वाराणसी से संसद सदस्य हैं। नरेन्द्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्य हैं। वह एक हिंदू राष्ट्रवादी स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य भी हैं। वह 1947 में भारत की आजादी के बाद पैदा हुए पहले प्रधानमंत्री हैं, अटल बिहारी वाजपेयी के बाद लगातार दो बार जीतने वाले दूसरे गैर-कांग्रेसी और लोकसभा में बहुमत के साथ कांग्रेस के बाहर से दोनों बार जीतने वाले पहले व्यक्ति हैं। नरेंद्र मोदी की प्रसिद्धि किसी से छिपी नहीं है परन्तु क्या कोई इन वास्तविक रहस्यों को जानता है कि वह इतने मशहूर कैसे हुए।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मकुंडली के आध्यातिमिक रहस्यमयी तथ्यों का विश्लेषण करते हुए कहा कि जन्मकुंडली के जानकारों को इस तथ्य को गहराई से समझने की जरूरत है कि मोदीजी की जन्मकुंडली में सूर्य, मंगल, बुध ये तीनों महत्वपूर्ण ग्रह ज़ीरो डिग्री पर हैं फिर भी वो इतनी ऊंचाइयों पर कैसे पहुंचे और भारत देश के लगातार दो बार प्रधानमंत्री स्पष्ट बहुमत के साथ बने इसमें महत्वपूर्ण योगदान उनकी जन्मकुंडली में स्थित वृशिक लग्न में चन्द्रमा+मंगल ग्रह की एक साथ युति से बनने वाला प्रबल राजयोग महालक्ष्मी योग है। जिसमें चन्द्रमा ग्रह का नीच भंग राजयोग मंगल की अपनी स्व राशि वृशिक में स्थित होने से हो गया है। क्योंकि चन्द्रमा ग्रह उनकी जन्मकुंडली में 8 डिग्री का है और वर्तमान की 10 वर्ष की चन्द्र ग्रह की महादशा अवधि मोदीजी को वर्तमान में सम्पूर्ण महालक्ष्मी योग का फल प्रदान कर रही है जो कि 28 नवम्बर 2011 से आरम्भ हुई थी और जिसका समापन 28 नवम्बर 2021 को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद 29 नवम्बर 2021 से 28 नवम्बर 2028 तक मोदीजी पर मंगल ग्रह की महादशा अवधि चलेगी ये भी महालक्ष्मी राजयोग में ही आती है। लेकिन ये मंगल की महादशा अवधि इतनी योगकारक नहीं है मोदीजी के लिए जितनी वर्तमान की चन्द्रमा की महादशा अवधि है क्योंकि वृशिक राशि में मंगल ग्रह मोदीजी की कुंडली में जीरो डिग्री पर मृत अवस्था में स्थित है। क्योंकि चन्द्रमा के साथ मंगल ग्रह की एक साथ युति मौजूद है मोदीजी की जन्मकुंडली में इस तरह की परिस्थितियों में व्यक्ति अपनी पुरानी स्वच्छ सकारात्मक छवि से वर्तमान में लाभ उठाने की कोशिश करता है। लेकिन 28 नवम्बर 2021 के बाद मंगल ग्रह की 7 वर्ष की महादशा अवधि के कारण मोदीजी की छवि आम जनता की निगाह में एक तानाशाह रवैये वाली उभकर सामने आ सकती है। और भारत देश के सन्दर्भ में कुछ महत्वपूर्ण कड़े निर्णय मोदीजी मंगल की महादशा अवधि में लेंगे।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशि वृश्चिक है इस राशि चक्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोग गुप्त व्यक्तित्व रखते हैं। फिर भी, पी.एम. मोदी को हमेशा अपने चारों ओर रहस्य की अनुभूति होती है, जिसे वह अपने व्यक्तित्व लक्षणों से प्राप्त करते हैं। ये रहस्मयी व्यक्तित्व देवयोग से उन्हें प्राप्त हैं क्योंकि उनकी जन्मकुंडली में सूर्य, बुध, और केतु की एक साथ युति मौजूद है लाभ भाव में अर्थात जन्मकुंडली के इच्छापूर्ति के भाव में, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इस तरह के ग्रह योग की युति के परिणाम स्वरूप ईश्वर की दिव्य शक्तियां विपरीत परिस्थितियों में हमेशा मोदीजी की रक्षा करती हैं। क्योंकि उनकी कुंडली में ग्रहण योग, पितृ दोष, मांगलिक दोष और केंद्र योग से भी प्रभावित हैं। इसके अलावा, उनकी जन्मकुंडली में बुधादित्य योग, रुचक योग, महालक्ष्मी योग और नीच भंग राजयोग का लाभ भी उन्होंने अपने अब तक के जीवन में उठाया है , जो उन्हें अपने जीवन और कैरियर में अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव प्रदान करता है