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विवेक कुमार जैन
आगरा: 15 नबम्बर। वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात ख्याति प्राप्त एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने टैगोर नगर दयालबाग स्थित अपने निवास पर डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए.के मित्तल से व्यक्तिगत मुलाकात के बाद “शहर की सुर्खियां” को बताया कि 16 नवंबर 2021 से सूर्य ग्रह की एक माह के लिए वृशिक राशि में गोचरीय परवर्तित चाल भारत सहित पूरे विश्व में उथल पुथल की विपरीत परिस्थितियों का दौर पैदा करने वाली है क्योंकि शासन का कारक सूर्य ग्रह 16 नवंबर से एक माह की परवर्तित चाल के दौरान नवग्रहों का राजा सूर्य और चाण्डाल छाया ग्रह राहु एक दूसरे पर खतरनाक विषैली दृष्टि का प्रभाव रखेंगे इसलिए 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2021 तक भारत सरकार के राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल अपने महत्वपूर्ण शासकीय निर्णय विशेष सावधानी पूर्वक लें क्योंकि इस दौरान किसी भी प्रकार का जल्दबाजी में लिया हुआ निर्णय नुकसान दायक साबित हो सकता है क्योंकि 16 नवंबर 2021 से लेकर 15 दिसंबर 2021 के दौरान ब्रह्माण्ड में दो ग्रहण पड़ेंगे इसलिये ग्रहण के कारण नवंबर और दिसंबर का महीना बेहद अहम होने जा रहा है। जहां 19 नवंबर 2021 को चंद्र ग्रहण होगा, तो अगले महीने 4 दिसंबर 2021 को सूर्य ग्रहण लगेगा। इस एक माह की अवधि में विशेकर वृष, वृशिक और सिंह राशि के व्यक्ति विशेष सावधानी बरतें।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि नवंबर माह में पड़ने वाला चंद्र ग्रहण कार्तिक माह की पूर्णिमा को 19 नवंबर को सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा जो कि शाम 5 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। 19 नवंबर 2021 को लगने वाला चंद्र ग्रहण अमेरिका के अलावा, आस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और उत्तरी यूरोप में दिखाई देगा, दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश में कुछ पल के लिए चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, लेकिन यह आंशिक ही होगा। इसलिए चंद्रग्रहण के धार्मिक सूतक भारत में मान्य नहीं होंगें।
पंडित प्रमोद गौतम ने सूर्य ग्रहण के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि 4 दिसंबर 2021 को लगने वाले सूर्य ग्रहण में भी भारत में धार्मिक सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। वैदिक हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्ण ग्रहण होने पर ही सूतक काल मान्य होता है। आंशिक या उपछाया होने पर सूतक नियमों का पालन अनिवार्य नहीं होता है।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि नवंबर 2021 से शासन का कारक सूर्य ग्रह एक माह के लिए 16 नवंबर 2021 से लेकर 15 दिसंबर 2021 तक गोचरीय परवर्तित चाल के दौरान तुला राशि से वृशिक राशि पर स्थान परिवर्तित करेंगे, इस दौरान गोचरीय चाल में पहले से विराजमान वृष राशि में स्थित चाण्डाल छाया पापी ग्रह राहु और ब्रह्माण्ड में ग्रहों के राजा सूर्य और राहु एक दूसरे की दृष्टि के प्रभाव में एक माह तक गोचरीय चाल में ग्रहण योग में रहेंगे क्योंकि राक्षस चाण्डाल राहु ग्रह की सूर्य ग्रह से समुद्र मंथन के पौराणिक काल से ही शत्रुता चली आ रही है, इसलिए 15 दिसंबर 2021 तक भारत सहित पूरी दुनिया में उथल पुथल की स्थिति बनी रहने की प्रबल संभावना है अर्थात हिंसा, आगजनी, अचानक दुर्घटनाओं के कारण जन-धन हानि की संभावना इस दौरान प्रबल रहेगी अर्थात विश्व की सरकारों के लिए महासंकट का विपरीत परिस्थितियों का दौर रहेगा। क्योंकि 21 नवंबर से 9 दिसंबर 2021 तक बुध ग्रह और 5 दिसंबर 2021 से हिंसा आगजनी और अचानक दुर्घटनाओं का प्रबल कारक मंगल ग्रह भी चाण्डाल छाया ग्रह राहु की पूर्ण दृष्टि के प्रभाव में आ जायेगा इसलिए भारत सहित पूरे विश्व की सरकारों को 15 दिसंबर 2021 तक विशेष सावधान रहने की प्रबल आवश्यकता है क्योंकि इस दौरान सीमाओं पर आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि भी सरकारों के लिए मानसिक तनाव पैदा कर सकती हैं। क्योंकि 20 नवंबर 2021 से 13 अप्रैल 2022 तक ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह स्वतन्त्र भारत की चन्द्र राशि कर्क से गोचरीय परवर्तित चाल में कुम्भ राशि में स्थित होकर भारत की कर्क राशि से अशुभ भाव में विचरण करेंगे अर्थात दैवीय शक्तियों का पूर्ण आर्शीवाद इस दौरान भारत देश को प्राप्त नहीं हो पायेगा इसलिए भारत के सभी नागरिक और सरकारें सचेत रहें विशेषकर 13 अप्रैल 2022 तक।