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विवेक कुमार जैन
आगरा 25 जनवरी। गलवान घाटी संघर्ष में अदम्य साहस दिखाने के लिए आगरा के कर्नल अरूपम चक्रबर्ती को गैलेंट्री अवार्ड सम्मानित किया गया है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यह अवॉर्ड भारतीय सेना ने घोषित किया है। उन्हें यह अवार्ड Gallantry Award for GALWAN during OP SNOW LEOPARD ओपी स्नो लेपर्ड के दौरान गलवान घाटी संघर्ष के लिए दिया गया है।इस घाटी में चीन के साथ हुए संघर्ष के दौरान अदम्य साहस एवम वीरता का प्रदर्शन करने पर कर्नल अरूपम चक्रबर्ती को इस सम्मान से नवाजा गया है।कर्नल अरूपम चक्रबर्ती का बचपन आगरा में गुजरा हैं। इन्होंने ने
सेंट क्लेअर्स और आगरा कॉलेज से अपनी शिक्षा प्राप्त की है। 2001 में वे इंडियन मिलिट्री एकेडमी पहुंचे। उनकी मां शिखा चक्रवर्ती और पिता पीआर चक्रवर्ती हैं जो डिफेंस कॉलोनी सदर में निवास करते हैं।यहां उनके भाई अरिंदम चक्रवर्ती भी रहते है।
उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों का चीनी सैनिकों से 15 जून, 2020 को हुआ था संघर्ष। उस समय भारतीय सैनिकों के कमांडिंग ऑफीसर कर्नल अरूपम चक्रबर्ती थे। संघर्ष में 20 भारतीय और 5 चीनी सैनिक मारे गए थे। इनमें चीन का कमांडिंग ऑफीसर भी शामिल था। चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात काफी दिनों बाद स्वीकार की थी। 20 में से 17 गंभीर जवानों ने जीरो से नीचे तापमान में दम तोड़ा।
लद्दाख के पास स्थित गलवान घाटी विवादित क्षेत्र अक्साई चीन में है। वास्तविक नियंत्रण रेखा अक्साई चीन को भारत से अलग करती है। गलवान क्षेत्र लदाख के चुसूल काउंसिल के अंतर्गत आता है। गलवान घाटी लद्दाख़ और अक्साई चीन के बीच स्थित है जहां से भारत-चीन सीमा काफी करीब है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़प से हफ्तों पहले तनाव बहुत अधिक था। दोनों पक्षों ने सीमा पर सैनिकों की संख्या में वृद्धि की हुई थी। 6 जून को दोनों सेनाओं के स्थानीय सैन्य कमांडरों के बीच हुई बातचीत से आपसी सहमति से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई। दोनों सेनाओं के बीच एक बफर जोन बनाया जाना थाय़ एक भारतीय कमांडर ने क्षेत्र में एक चीनी शिविर को देखा और निरीक्षण करने गया। एलएसी के इस पार भारतीय इलाके में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास चीनी सेना के टेंट हटाने पहुंचे भारतीय सैनिक पर चीनी सैनिकों ने पत्थर से हमला कर दिया। उन्होंने कंटीले तार लगे डंडों, लोहे की छड़ों और लाठियों से हमला किया। इसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। डंडों और मुक्कों से ये खूनी संघर्ष करीब 8 घंटे तक चला। सैनिक गलवान नदी से ऊपर एक टीले पर चले गए। कई जवानों के पैर फिसले जिससे वो नदी में गिर गए या पत्थरों से जा टकराए। चीन का एक कमांडिंग अफसर भी मारा गया था।
पिछले दिनों दुर्गा पूजा के दौरान आगरा में आये थे कर्नल अरूपम चक्रबर्ती ,उस समय सभी मित्रों से इस घटना का जिक्र किया था।सभी समाचार पत्रों में भी इस गलवान में हुए संघर्ष की घटना प्रमुखता से कर्नल अरूपम चक्रबर्ती के चित्र सहित प्रकाशित हुई थी।