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चंडीगढ़, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंजाब में पांच एकड़ से कम जमीन वाले सभी किसानों के सभी कर्ज माफ करने का वादा किया है।
इसके अलावा, एमएसपी के दायरे का विस्तार करने के लिए केंद्र सरकार के कार्यक्रम ने किसानों को “मेहनत दा पक्का मुल्ल” देने का वादा किया है और फल, सब्जियां, दाल और तिलहन उगाने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा।
कृषि विविधीकरण को बनाए रखने और इसे लाभदायक बनाने के लिए, गठबंधन ने कृषि क्षेत्र के लिए 5,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट बनाने का वादा किया है।
यहां घोषणापत्र जारी करने के बाद केंद्रीय मंत्री एवं पंजाब भाजपा प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा और पंजाब भाजपा महासचिव सुभाष शर्मा की मौजूदगी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह भविष्य की सोच को लेकर तैयार किया गया घोषणापत्र है, जो पंजाब की ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था में क्रांति लाएगा।
गठबंधन ने वादा किया कि राज्य में एक लाख एकड़ शामलात भूमि भूमिहीन किसानों को खेती के लिए दी जाएगी। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत प्रत्येक भूमिहीन किसान को 6000 रुपये की वार्षिक सहायता दी जाएगी।
टिकाऊ हरित क्रांति के घोषणापत्र में 5000 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट का वादा किया गया है, जो राज्य में स्थायी कृषि और जैविक खेती में मदद करेगा।
पंजाब में गिरते भूजल के स्तर को बचाने के लिए विशेष घोषणा के तहत फ्री रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाई जाएंगी। पानी बचाने में मदद के लिए वैकल्पिक स्वचालित और स्मार्ट सिंचाई प्रणाली के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार की जांच होगी और भ्रष्ट अधिकारियों को न्याय का सामना करना पड़ेगा।
डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए हर गांव में मिल्क चिलिंग सेंटर स्थापित करने के लिए एक संगठित दूध मार्केटिंग प्रणाली स्थापित की जाएगी और प्रत्येक 30 गांव समूहों में दूध प्रोसेसिंग युनिट स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक तहसील में पशु चिकित्सा सहायता केंद्र, कृत्रिम गर्भाधान और प्रजनन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
डेयरी फार्मिंग, पोल्ट्री फार्मिंग और मधुमक्खी पालन में व्यवसाय करने के लिए पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सब्सिडी और ऋण प्रदान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत घोषणापत्र में कृषि आधारित उद्योगों के लिए सब्सिडी का वादा किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए लघु और मध्यम उद्यमों के कृषि आधारित औद्योगिक समूहों को कर में छूट दी जाएगी। इसके अलावा मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्क भी स्थापित किए जाएंगे।
गांव स्तर पर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक “समृद्ध पिंड” योजना शुरू की जाएगी और गांव स्तर पर इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक धन उपलब्ध कराया जाएगा। एमएसएमई क्षेत्र द्वारा प्रवर्तित ब्याज और जमानत मुक्त ऋण ग्रामीण युवाओं को दिया जाएगा, जिनकी वापसी भी आसान रहेगी।
गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए “स्वस्थ गांव” योजना के तहत, प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य केंद्र क्लिनिक डॉक्टर की सुविधा और लेबोरेटरी के साथ 24 घंटे संचालित होंगे जहां सभी टेस्ट किए जाएंगे।
सभी ग्रामीण क्षेत्रों में 15 मिनट के अंदर 108 एंबुलेंस सेवा पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए स्थाई चालकों की भर्ती की जाएगी।
“पक्की छत, हर इक दा हक” योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्थायी आवास प्रदान किया जाएगा।
सभी गांवों को 24 घंटे बिजली मिलेगी। सरकार हर घर को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देगी और उसके बाद घरेलू उपयोग के लिए बिजली की दर 3 रुपये प्रति यूनिट होगी।
गांवों में आधुनिक कक्षाओं, कंप्यूटर लैब और खेल के मैदानों के साथ उच्च गुणवत्ता वाले स्मार्ट स्कूल स्थापित किए जाएंगे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और विकलांग छात्रों और 10वीं कक्षा तक अनुसूचित जाति के सभी छात्रों को वार्षिक भत्ता मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण स्तर पर खेल के मैदानों का विकास किया जाएगा ताकि युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। स्कूल स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए पंजीकृत खेल क्लबों और सरकारी स्कूलों में खेल किट नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
विश्व स्तरीय हॉकी खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। कबड्डी को ग्राम स्तरीय प्रतियोगिता के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा।
हरियाणा स्तर पर महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेलों के लिए नकद पुरस्कारों की राशि को रिवाइज किया जाएगा।
ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में प्रत्येक स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये, कांस्य पदक विजेता को 2.5 करोड़ रुपये और खेलों में भाग लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 15 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
एशियाई और पैरा एशियाई खेलों के लिए 3 करोड़ रुपये, 1.5 करोड़ रुपये और 75 लाख रुपये और सर 7.5 लाख रुपये क्रमशः गोल्ड, सिल्वर, कांस्य व हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को दिए जाएंगे।
इसी तरह कॉमनवेल्थ गेम्स और पैरा कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए यह राशि क्रमश: 1.5 करोड़ रुपये, 75 लाख रुपये, 50 लाख रुपये और 7.5 लाख रुपये गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज और प्रतिभागियों के लिए होगी।
चार साल के विश्व कप और फुट विश्व कप के लिए गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज और प्रतिभागियों के लिए यह राशि क्रमश: 1.5 करोड़ रुपये, 75 लाख रुपये, 50 लाख रुपये और 7.5 लाख रुपये होगी।
राष्ट्रीय खेलों और पैरा-राष्ट्रीय खेलों के दौरान स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार क्रमशः 5 लाख, 3 लाख और 2 लाख रुपये होंगे। राज्य स्तरीय खेलों के लिए पुरस्कार क्रमशः 21,000, 10,000 और 5,000 स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक के विजेताओं के लिए होंगे।