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नयी दिल्ली 21 जनवरी । बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर बनायीं गयी एक डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगा दी गयी है , इस डॉक्यूमेंट्री में भ्रामक तथ्यों का इस्तेमाल हुआ है , इससे ये सिद्ध हो गया देश के खिलाफ एक मीडिया वर्ग द्वारा कार्य किया जा रहा है , इसमें देश और विदेश के कई नामी गिरामी पत्रकार शामिल हो सकते हैं । बीबीसी को यदि गूगल किया जाय तो यह देखा जा सकता है की बीबीसी सदैव ही मोदी और भारत के खिलाफ भ्रामक तस्वीरें और खबरों को प्रचारित करता है , कोविड के समय में भी इस बीबीसी ने अनेक प्रकार से खबरों को प्रचारित किया था और जिससे जनता के बीच एक घबराहट का माहौल बना था ।
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वीडियो को यूट्यूब और ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया है जिसमें उनकी आलोचना की गई है। यह वीडियो बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री का क्लिप है। दरअसल बीबीसी ने ” इंडिया मोदी कोश्यन : नाम के एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है जिसके पहले एपिसोड का एक क्लिप वायरल हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वीडियो को ब्लॉक करने के लिए यूट्यूब और ट्विटर को आदेश दिया है।
वायरल हो रहे वीडियो पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि पक्षपात और निष्पक्षता की कमी और स्पष्ट रूप से जारी औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री भारत में रिलीज नहीं हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ विश्वसनीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि विदेश मंत्रालय सहित गृह और सूचना प्रसारण मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने डॉक्यूमेंट्री की जांच की और पाया कि यह फिल्म पीएम मोदी, देश के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार और विश्वसनीयता पर आक्षेप लगाने का प्रयास है।
सूत्रों ने बताया कि यूट्यूब को यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर वीडियो को फिर से उसके प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाता है तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ट्विटर को अन्य प्लेटफॉर्म पर वीडियो के लिंक वाले ट्वीट्स की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए भी निर्देशित किया गया है.
एक खबर के अनुसार UK के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी इस डॉक्यूमेंट्री को ख़ारिज कर दिया है । देश की 300 प्रमुख हस्तियों ने जिसमें पूर्व जज नौकरशाह और सशस्त्र बल के अवकाश प्राप्त अधिकारियों ने एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात की डॉक्यूमेंट्री को भारत ने दुष्प्रचार का एक हिस्सा है और इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया था ।