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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा ‘मोनू’ को हाल ही में लखीमपुर हिंसा के सिलसिले में सम्मन के बजाय’फूलों का गुलदस्ता’ देने का आरोप लगाया।
अखिलेश की यह टिप्पणी अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के शनिवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश होने के कुछ घंटों बाद आई है।
आशीष मिश्रा को शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश होना था, लेकिन वह हाजिर नही हुयें । इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नया नोटिस जारी कर शनिवार को सुबह 11 बजे तक पेश होने को कहा।
अखिलेश यादव ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “जिस तरह से पहले किसानों को कुचला गया, फिर कानून को कुचलने की तैयारी चल रही है। आपने देखा होगा कि कैसे एक वाहन ने किसानों को कुचल दिया, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। दोषी व्यक्ति अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। उन्हें सम्मन देने के बजाय, फूलों का गुलदस्ता दिया जा रहा है। सम्मन केवल नाम में है, वास्तव में ‘सम्मान’ दिया जाता है।”
उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एलआईयू (स्थानीय खुफिया इकाई) और प्रशासन सहित अधिकारियों को घटना के बारे में पता होना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद किसानों की मृत्यु हो गई।
उप्र सरकार पर घटना में शामिल दोषियों को बचाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ को इस्तीफा देना चाहिए।
केंद्रीय राज्य मंत्री पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “राज्यमंत्री ने कहा था कि वह एक सांसद, विधायक थे, लेकिन वह कुछ और भी थे, और वह किसानों को धमका रहे थे। सरकार का दावा है कि यह एक ‘दमदार’ सरकार है। सरकार। क्या सरकार सिर्फ ताकतवरों के लिए है, किसानों के लिए नहीं। आने वाले समय में भाजपा का सफाया हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति के परिवार के लोग न्याय चाहते हैं, और दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘देश का कानून जीप के टायरों के नीचे कुचला जा रहा है।’
यादव ने कि भारतीय जनता पार्टी बीजेपी महंगाई के मुद्दे के बारे में जानती है और इसलिए इस बारे में चर्चा नहीं करना चाहती।