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आशीष और अन्य लोगो का नाम रविवार को चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामलें में दर्ज प्राथमिकी में हैं ।
पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्री के बेटे को पूछतांछ के लिए पेश किए जाने के बाद अपना “मौन धरना” शनिवार को समाप्त कर दिया।
आशीष मिश्रा शनिवार को सुबह 11 बजे से पहले विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीम के सामने पेश हुए ।आशीष को शुक्रवार को पुलिस ने दूसरी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए शनिवार को सुबह 11 बजे तक पेश के लिए समय दिया था । आशीष मिश्रा शुक्रवार को लखीमपुर खीरी में पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे, इसलिए उनके घर के बाहर दूसरी नोटिस चस्पा कर उन्हें शनिवार सुबह 11 बजे तक का समय पुलिस ने दिया था ।
मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने चल रही पूछताछ पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पंजाब कांग्रेस इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने निघासन तहसील में स्थानीय पत्रकार राम कश्यप के घर के बाहर शुक्रवार शाम 6:15 बजे से अपना “मौन धरना” शुरू किया था, कश्यप की तीन अक्टूबर की दुखद घटना में मृत्यु हो गई थी।
अनशन समाप्त करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धू ने कहा, “यह सत्य की जीत है। कोई व्यक्ति राजा हो सकता है, लेकिन न्याय से बड़ा कोई नहीं है। न्याय है तो शासन है, और यदि न्याय नहीं है, कुशासन है। यह किसानों के परिवारों, लवप्रीत सिंह के परिवार और रमन कश्यप के परिवार की जीत है।
मारे गए चार किसानों में लखीमपुर के पलिया गांव की लवप्रीत सिंह भी शामिल है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व वाली एसआईटी टीम द्वारा आशीष से पूछताछ की जा रही है, जबकि पिता अजय मिश्रा लखीमपुर में अपने स्थानीय पार्टी कार्यालय में वकीलों के साथ हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस टीम ने मामले के संबंध में आशीष मिश्रा से दो दर्जन से अधिक सवालों के जवाब देने को तैयार किये है ।
मामले में बृहस्पतिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद, पुलिस ने आशीष मिश्रा के घर के बाहर एक नोटिस चिपकाया था, जिसमें उन्हें आठ लोगों की जान लेने वाली हिंसा के मामलें में एसआईटी सामने पेश होने के लिए कहा गया था।
रविवार को हुई हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक वाहन ने टक्कर मार दी थी। अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और उनका चालक शामिल है।
किसानों ने दावा किया कि आशीष मिश्रा वाहनों में से एक में थे, लेकिन आशीष और उनके पिता ने आरोप से इनकार किया था । गृह राज्य मंत्री ने शुक्रवार को अपने बेटे को ‘निर्दोष’ बताया था और कहा था कि उनका बेटा ‘अस्वस्थ’ है और वह शनिवार को पुलिस के सामने पेश होगा।
मंत्री के बेटे व अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए उप्र शासन ने डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम का गठन की गयी थी ।