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लखनऊ 23 अक्टूबर ।
घोटालों और कमीशनखोरी से पहचाने जाने वाले यूपी की छवि बदलने के लिए योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार किया है । भ्रष्टाचार और घोटालों के सफाए में तकनीक राज्य सरकार का सबसे बड़ा हथियार बनी। विभिन्न योजनाओं में करीब 3 लाख करोड़ रुपये डिजिटल भुगतान के आंकड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की इस बड़ी मुहिम के गवाह हैं।
राज्य की सत्ता संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टालरेंस नीति का ऐलान किया था। इसके तहत किसानों से लेकर गरीब,मजदूरों को मिलने वाली सहायता और स्कूल जाने वाले बच्चों के हिस्से तक हड़प जाने वाले बिचौलियों और कमीशनखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही सरकार ने तकनीक के इस्तेमाल से भविष्य में भ्रष्टाचार की गुंजाइश को भी खत्म करने पर जोर दिया ।
अनाज खरीद मंडियों से बिचौलियों को बाहर करते हुए राज्य सरकार ने किसानों को एमएसपी के तहत 67000 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके खातों में किया। पिछली सरकारों में गन्ना किसानों का हक मारने वाले दलालों और कमीशनखोरों को दरकिनार करते हुए सरकार ने 144000 करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों के खातों में किया। पीएम किसान निधि योजना के तहत किसानों को 37000 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान किया गया है।
प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की यूनिफार्म की जिम्मेदारी उनके अभिभावकों को सौंपते हुए उनके खातों में राज्य सरकार 1800 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान कर रही है। स्वच्छता मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए 50000 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान किया गया है।
कुछ साल पहले तक भ्रष्टाचार का पर्याय मानी जाने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त किया गया । सभी राशन दुकानों को ई पास मशीनों से लैस किया गया है । प्रदेश की सभी 79550 राशन दुकानों का डाटा डिजटलीकरण किया गया। खाद्यान्न के आवंटन गोदामों से उठान एवं वितरण की आनलाइन फीडिंग कराकर मानीटरिंग की व्यवस्था शुरू की गई है। यह सब उत्तर प्रदेश में पहली बार हुआ। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के किले को ध्वस्त करने के साथ ही भविष्य में दोबारा उसके पनपने की राह भी रोक दी।