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विवेक कुमार जैन
आगरा: 25 फरवरी ।वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात ख्याति प्राप्त एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने अमरीका के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि अमेरिका विश्व में सबसे ताकतवर देश है, वर्तमान में तृतीय विश्व युद्ध को टालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को वर्तमान में रूस एवम यूक्रेन के आपसी मामले में दखलंदाजी से बचने की जरूरत है क्योंकि अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति 20 नवंबर 1942 को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर पेंसिल्वेनिया में पैदा हुए हैं। विश्वविख्यात भविष्यवक्ता ने बताया कि बाइडेन की उपलब्ध जन्मतिथि के अनुसार उनकी जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थितियां उतनी ताकतवर नहीं है जितनी कि अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को सँभालने के लिए होनी चाहिए। वर्तमान में अमेरिकी राष्ट्रपति सितंबर 2006 से सितंबर 2022 के बीच अनुकूल बृहस्पति की महादशा से गुजर जरूर रहे हैं लेकिन उनकी जन्मकुंडली में देवगुरू ब्रह्स्पति 2 डिग्री के उच्च के होकर वक्री अवस्था में मौजूद है जो कि इतना योगकारक नहीं है, अर्थात ऐसा व्यक्ति उचित सकारात्मक ऊर्जा से युक्त दूरदर्शी दृष्टिकोण युक्त निष्पक्ष निर्णय लेने में सक्षम नहीं हो पाता है। बाइडेन 2009 में वर्तमान की बृहस्पति की महादशा में उपराष्ट्रपति के तौर पर सत्ता में आये। वे लगातार 7 बार अमेरिकी सीनेट में चुने जा चुके हैं, वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति वर्ष 2009 से 2017 तक अमेरिका के उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं। उन की वृश्चिक लग्न की कुंडली में नवम भाव में उच्च के गुरु विराजमान हैं जो कि उनको सकारात्मक विचारधारा वाला शख्स अवश्य बनाते हैं लेकिन देवगुरू ब्रहस्पति अंश बल में मृत अवस्था में वक्री स्थिति में उनकी जन्मकुंडली में मौजूद हैं। जो उनको सकारात्मक निष्पक्ष निर्णय लेने के मामले में असमंजस की स्थिति प्रदान करता है। क्योंकि उनकी जन्मकुंडली में बुध और मंगल की एक-साथ युति मौजूद है, और साथ ही सूर्य और शुक्र की एक-साथ युति भी मौजूद है जो कि इतने बड़े शक्तिशाली देश को आपातकाल की विपरीत परिस्थितियों में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता को क्षीण करने वाला योग बनाता है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि सूर्य और बुध की एक-साथ युति वाला प्रखर बुद्धि प्रदान करने वाला आदित्य योग उनकी जन्मकुंडली में मौजूद नहीं है।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्तमान में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की जन्मकुंडली की चन्द्र राशि मेष पर वर्तमान की गोचरीय चाल में देवगुरू ब्रह्स्पति की 6 अप्रैल 2021 से लेकर 13 अप्रैल 2022 तक सम्पूर्ण कृपा है, लेकिन 13 अप्रैल 2022 के बाद देवगुरू ब्रह्स्पति की अपनी स्व राशि मीन पर गोचर में परिवर्तन के बाद चन्द्र राशि मेष पर से ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरू ब्रह्स्पति का शुभ आर्शीवाद एक वर्ष के लिए पूर्ण रूप से हट जाएगा। यह बात सत्य है इनकी जन्मकुंडली में चंद्रमा ग्रह पर मंगल ग्रह की एक दूसरे पर पूर्ण दृष्टि कुंडली में एक बड़ा राजयोग बना रही है। जिसके कारण वो लंबे समय तक अमरीका की राजनीति में रहे और वर्तमान में अमरीका के राष्ट्रपति हैं। लेकिन उनकी जन्मकुंडली में एक दूसरे के दुश्मन सूर्य और शनि एक दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देख रहे हैं जो कि उनके देश के अंदर उथलपुथल की विपरीत परिस्थितियों का दौर भी उन्हें अपने राष्ट्रपति शासन काल में देखने को मिलेगा क्योंकि वर्तमान में जो उनके ऊपर उनकी जन्मकुंडली के अनुसार अप्रैल 2020 से लेकर सितम्बर 2022 तक देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह की महादशा में चाण्डाल छाया ग्रह राहु की अन्तर्दशा अवधि चल रही है जो कि महत्वपूर्ण अंतराष्ट्रीय मामले में गलत निर्णय करा सकती है जिसका परिणाम पूरे विश्व के लिए विस्फोटक साबित हो सकता है। कुल मिलाकर यह कह सकते कि अमेरिकी राष्ट्रपति को वर्तमान में अपने महत्वपूर्ण निर्णयों को सावधानी पूर्वक लेने की प्रबल आवश्यकता है, विशेकर 13 अप्रैल 2022 के बाद। क्योंकि 13 अप्रैल 2022 के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के ऊपर से ब्रह्माण्ड के शुभ एवम सद्बुद्धि प्रदान करने वाले देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह का शुभ आर्शीवाद एक वर्ष तक नहीं रहेगा और दूसरी तरफ स्वतन्त्र अमरीका की जन्मकुंडली में 24 जनवरी 2020 से लेकर वर्ष 2022 के अंत तक ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह का आशीर्वाद भी नहीं है अर्थात वर्तमान में स्वतन्त्र अमेरिका शनि की साढ़ेसाती के प्रथम चरण में चल रहा है जो कि अमेरिका के अहम का विनाश करने वाला योग बनाता है।