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विवेक कुमार जैन
आगरा:28 मार्च।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात ख्याति प्राप्त ज्योतिषी पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि प्राचीन काल से हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत का प्रारंभ चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। और इसी तिथि से चैत्र नवरात्रि पर्व भी आरम्भ होता है। इस बार वर्ष 2022 में हिन्दू नव-वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल 2022 को है। वर्ष 2022 में यह हिन्दू नव-वर्ष सम्वत 2079 रहेगा।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्ष 2022 में हिन्दू नव-वर्ष नव-संवत्सर 2079 इस बार 2 अप्रैल 2022 को शनिवार से शुरू होगा, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश एवम न्याय के देवता शनि ग्रह का हिन्दू नव-वर्ष 2022 में रहेगा जबरदस्त प्रभाव। क्योंकि वर्ष 2022 में हिन्दू नव-वर्ष के राजा ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह स्वयं हैं। शनि देव सकारात्मक विचारधाराओं युक्त व्यक्तियों को हिन्दू नव-वर्ष में निष्पक्ष रूप से सुख और समृद्धि भी दिलाएंगे, लेकिन नकारात्मक विचारधाराओं वाले व्यक्तियों के जीवन में उनके नकारात्मक कर्मों का निष्पक्ष रूप से उचित दंडात्मक फल भी प्रदान करेंगे, इसीलिए ऐसे व्यक्तियों को जिन्होंने जाने अनजाने में अपने जीवन में जो गलत कर्मों में लिप्त रहे हैं अर्थात बड़े नेताओं और सरकारी सेवाओं में जो व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं उन व्यक्तियों को नव-हिन्दू वर्ष में विशेष सतर्कता भी अब बेहद जरूरी है। क्योंकि शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि देव पुराने दबे मामलों को उजाकर करके भ्रष्टाचारियों को क्रूरतम दण्ड भी अपनी उपयुक्त समयावधि आने पर अवश्य देते हैं। दरअसल हिन्दू नए वर्ष के प्रथम दिन के स्वामी को उस वर्ष का स्वामी मानते हैं। इस वर्ष का प्रथम दिन शनिवार को है और इसके देवता ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह हैं। इसलिए हिन्दू नव वर्ष 2079 के स्वामी वर्ष 2022 में ब्रह्माण्ड के न्यायधीश शनि देव हैं।
पंडित प्रमोद गौतम ने हिन्दू नव-वर्ष 2079 में बड़े ब्रह्माण्ड के बड़े ग्रहों के गोचरीय परिवर्तन के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि हिन्दू नव-वर्ष में अप्रैल माह में ज्यादातर बड़े ग्रहों का गोचरीय परिवर्तन होने वाला है। क्रमशः राहु, केतु, गुरु, शनि, बड़े मुख्य ग्रह ब्रह्माण्ड में गोचर में अपना स्थान परिवर्तन करेंगे। ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरू ब्रह्स्पति 13 अप्रैल 2022 से वर्तमान में स्थित कुंभ राशि से अपनी स्वयं की शक्तिशाली राशि मीन में लगभग एक वर्ष के लिए प्रवेश करेंगे। राहु 12 अप्रैल 2022 को सुबह वर्तमान में वृष राशि से वक्री अवस्था में डेढ़ वर्ष के लिए मेष राशि में गोचरीय परवर्तित चाल में अपना स्थान परिवर्तन करेंगे, क्योंकि राहु और केतु हमेशा वक्री रहते हैं इसलिए ये दोनों छाया वक्री अवस्था में पीछे की राशि में गोचर में डेढ़ वर्ष के लिए स्थान परिवर्तन करते हैं। 29 अप्रैल 2022 से लेकर 11 जुलाई 2022 तक ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह वर्तमान की अपनी स्वयं की राशि मकर से अपनी दूसरी स्वयं की राशि कुंभ राशि में लगभग ढाई माह तक स्थित रहेगें। लेकिन 12 जुलाई 2022 से लेकर 16 जनवरी 2023 तक गोचरीय परिवर्तन में शनि ग्रह अपनी स्वयं की राशि मकर राशि में पुनः स्थित हो जायेगें। उसके बाद 17 जनवरी 2023 से ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह गोचरीय परिवर्तन में पुनः अपनी दूसरी स्वयं की राशि कुम्भ में ढाई वर्षों के लिए स्थित हो जाएंगे।
पंडित गौतम ने बताया वर्ष 2022 में हिन्दू नव-वर्ष के नव संवत्सर 2079 का निवास कुम्हार का घर एवं समय का वाहन घोड़ा है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं जिस हिन्दू नव-वर्ष में समय का वाहन घोड़ा होता है उस वर्ष तेज गति से वायु, चक्रवात, तूफान, भूकंप भूस्खलन आदि की संभावना बढ़ जाती है। मानसिक बैचेनी भी बढ़ जाती है और तेज गति से चलने वाले वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना सबसे अधिक बढ़ जाती है। इसलिए वाहन चालकों को हिन्दू नव-वर्ष में विशेष सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यकता है।
पंडित गौतम ने बताया वर्ष 2022 के हिन्दू नव-वर्ष के अप्रैल माह में बड़े ग्रहों की गोचरीय परवर्तित चाल स्वतन्त्र भारत की कर्क राशि के लिए अति उत्तम फल प्रदान करने वाली रहेगी पूरी दुनिया में भारत का वर्चस्व बढ़ता हुआ दिखाई देगा और विशेषकर उत्तरप्रदेश के देश के सबसे बड़े राज्य में 13 अप्रैल 2022 से ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरू ब्रह्स्पति की सम्पूर्ण कृपा रहेगी। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि 13 अप्रैल 2022 के बाद उत्तरप्रदेश राज्य ग्रहोंनुसार नई ऊंचाइयों पर अग्रसर होता दिखाई देगा।