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विवेक कुमार जैन
आगरा:2 अप्रैल।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि प्रति वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नया हिंदू वर्ष आरम्भ हो जाता है। साथ ही इसी तिथि पर नवरात्रि का पहला दिन होता है। हिंदू परंपरा में नव संवत्सर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
पंडित प्रमोद गौतम ने हिंदू नववर्ष की प्रमुख बातों के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि वैदिक प्राचीन काल से ही सभी तरह के नव-वर्ष में सिर्फ भारतीय नव-संवत्सर ही है जिसकी गणना ग्रहों, नक्षत्रों, चन्द्रमा, सूर्य आदि की गति का अध्ययन कर 6 ऋतुओं और 12 महीनों का एक वर्ष होता है। सूर्य-चंद्र और ग्रह-नक्षत्रों पर आधारित हिंदू महीनों का नाम रखा गया है, जैसे- चित्रा नक्षत्र के आधार पर चैत्र, विशाखा के आधार पर बैसाख, ज्येष्ठा के आधार पर ज्येष्ठ, उत्तराषाढ़ा पर आषाढ़, श्रवण के आधार पर श्रावण आदि।
एस्ट्रोलॉजर पंडित गौतम ने बताया कि वैदिक प्राचीन हिंदू पंचांग की गणना के आधार पर यह हजारों साल पहले बता दिया था कि अमुक दिन, अमुक समय पर सूर्यग्रहण होगा। युगों के बाद भी यह गणना सही और सटीक साबित हो रही है। तिथि घटे या बढ़े, लेकिन सूर्यग्रहण सदैव अमावस्या को होगा और चंद्रग्रहण पूर्णिमा को ही होगा। इस आधार पर दिन-रात, सप्ताह, पखवाड़ा, महीने, साल और ऋतुओं का निर्धारण हुआ। वैदिक परंपरा में 12 महीनों और 6 ऋतुओं के चक्र यानी पूरे वर्ष की अवधि को संवत्सर नाम दिया गया।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की तिथि को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण तिथि माना गया है। ब्रह्मपुराण में उल्लेख है कि चैत्र प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। जिस दिन दुनिया अस्तित्व में आई, उसी दिन प्रतिपदा मानी गई। वैदिक गणना का आधार सूर्य के स्थान पर चंद्रमा को बनाया गया। आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग रात के चंद्रमा की गति देखकर समय व तिथि का अनुमान सहज ही लेते हैं।
पंडित गौतम ने बताया कि विक्रम संवत् भारतवर्ष के सम्राट विक्रमादित्य ने शुरू किया था। प्रति वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के जिस दिन (वार) से विक्रमी संवत शुरू होता है, वही इस संवत का राजा होता है। सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करता है, तो वह संवत का मंत्री होता है। विक्रम संवत समस्त संस्कारों, पर्वों एवं त्योहारों की रीढ़ माना जाता है। समस्त शुभ कार्य इसी पंचांग की तिथि से ही किए जाते हैं।