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भारतीय सेना, वायुसेना या भारतीय सुरक्षा बलों से उसके शौर्य के सुबूत दो ही लोग मांगते हैं। यह दो लोग हैं पाकिस्तान और कांग्रेस पार्टी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बार-बार सेना से सबूत मांगते हैं कि वह सर्जिकल और एयर स्ट्राइक का सबूत दे। जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पहुँचने पर दिग्विजय सिंह ने उसी तरह सबूत राग अलापा जैसे पाकिस्तान कश्मीर राग अलापता है। कश्मीर में दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए बयान से कांग्रेस अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश तो कर रही है लेकिन कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं , जहां एक तरफ दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस आलाकमान असहज मुद्रा में दिखाई पड़ रहे हैं वही दूसरी तरफ जयराम रमेश द्वारा दिग्विजय सिंह को धक्का दिए जाने से कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा इस बात को लेकर बहुत नाराज दिखाई पड़ रहा है , जो कांग्रेस के लिए आने वाले दिनों में मुश्किल भरा सबब साबित होगा ।
भाजपा ने दिग्विजय के इसी बयान पर तगड़ा पलटवार करते हुए कहा है कि मोदी जी से नफरत करते करते राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह अब अंधे हो गए हैं और उनको अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं है।बहरहाल, सारा देश भारतीय सेना के शौर्य को सलाम करता है। लेकिन चूँकि दिग्विजय सिंह को विश्वास नहीं हो रहा है इसलिए जरा उनको जरा पहले घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण देते हुए हम बताते हैं कि कैसे भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए काल साबित हुए थे। 14 फरवरी 2019 को सुबह सबकुछ सामान्य रूप से चल रहा था कि अचानक दोपहर को एक दिल दहला देने वाली खबर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से आई जहाँ आतंकवादी आदिल अहमद डार ने श्रीनगर जम्मू हाईवे पर सीआरपीएफ की बस को अपनी उस कार से टक्कर मार दी जोकि विस्फोटकों से भरी हुई थी।
टक्कर से बस और कार के परखच्चे उड़ गये और क्षण भर में हमारे 40 जवान शहीद हो गये थे। इस घटना ने पूरे देश में गुस्सा व्याप्त कर दिया था, हर भारतीय का खून उबाल मार रहा था। भारत में आम चुनाव की सरगर्मियों के बीच अचानक से देश की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन गयी थी। लोग सड़कों पर उतर आये और इस हमले का बदला लेने की माँग करने लगे, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकारा कि देशवासियों का यह गुस्सा और नाराजगी जायज है। उन्होंने देश को विश्वास दिलाया कि हमारे जवानों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा।
यह शायद पहला मौका रहा जब आतंकवादी हमले की सरकार ने कड़ी निंदा करने का बयान जारी करने की बजाय यह कहा कि श्बदला लिया जायेगाश्। प्रधानमंत्री साफ कर चुके थे कि यह नया भारत है, हम किसी को छेड़ते नहीं हैं और जो छेड़ता है उसे छोड़ते नहीं हैं। सेना को हमले का बदला लेने के लिए खुली छूट दे दी गयी। कार्रवाई के लिए समय और स्थान सेना को ही तय करना था।इधर भारत पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा था तो दूसरी ओर पाकिस्तान जोकि सर्जिकल स्ट्राइक का कहर झेल चुका था, वह थर-थर काँप रहा था और भारत कोई कार्रवाई नहीं करे, इसके लिए अमेरिका सहित अन्य देशों से दबाव डलवाने या भारत को समझाने-बुझाने का प्रयास करने लगा। लेकिन प्रधानमंत्री साफ कर चुके थे- कसम मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं झुकने दूँगा।
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह कह कर सनसनी फैला दी कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है। आखिरकार फरवरी माह में ही 26 तारीख को वह दिन आ गया। जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बालाकोट में जब्बा टॉप पर स्थित जैश-ए- मोहम्मद के आतंकवादी कैम्पों को तबाह कर दिया। पाकिस्तान इस हमले से तिलमिला उठा और उसी ने सबसे पहले यह खबर दुनिया को दी कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने उसके क्षेत्र में प्रवेश किया। भीतर से दर्द से कराह रहे पाकिस्तान ने दुनिया को अपने जख्म दिखाने की बजाय कह दिया कि भारतीय विमान खेतों में बम गिराकर चले गये और कुछ पेड़ों को ही नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान की इस बात से कांग्रेस पार्टी के नेता भी खुश हो गये लेकिन उनकी खुशी तब उड़न छू हो जब जब कुछ सबूत दिखाए गए ।यह है पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जब्बा टॉप जहाँ जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी प्रशिक्षण कैम्प स्थित है। तीन जगहें जिन्हें भारतीय वायुसेना ने अपना निशाना बनाने के लिए चुना था। टार्गेट-1. मुजाहिद होस्टल, टार्गेट-2 यंग ट्रेनी हॉस्टल, टार्गेट-3. ट्रेनर एकोमोडेशन।भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में हमले के लिए 12 मिराज-2000 फाइटर जेटों को हमले के लिए भेजा था। 26 फरवरी को तड़के 3. 30 बजे 12 मिराज-2000 ने कई एयर बेस से उड़ान भरी थी।
ये फाइटर जेट पाकिस्तानी सीमा में घुसे और खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाना शुरू कर दिया। रिपोर्टों के मुताबिक आतंकवादियों के ठिकानों पर 5 स्पाइस 2000 बम फेंके गये। इसमें से 4 बम उन भवनों पर गिरे थे, जहां आतंकवादी सो रहे थे। हमला करने के बाद भारतीय वायुसेना के सभी विमान अपने एयरबेस पर सुरक्षित लौट आये। इस हमले के दौरान एक खास बात यह रही कि जब मिराज लड़ाकू विमान आतंकवादियों को जन्नत की सैर पर भेज रहे थे उस समय कुछ मिराज और सुखोई विमान पाकिस्तानी वायुसेना का ध्यान भटकाने में लगे हुए थे।
भारतीय वायुसेना ने जिन जगहों को निशाना बनाया बाद में उन्हें ठीकठाक किया गया और पाकिस्तान की ओर से झूठ का पहाड़ खड़ा करने की कोशिश की गयी। सवाल यह भी उठा कि अगर भारतीय वायुसेना ने बम गिराये थे तो बिल्डिंग को नुकसान क्यों नहीं पहुँचा। सीरिया में इजराइल की ओर से गिराये गये स्पाइस बम के बाद की तसवीर देखेंगे तो सबकुछ समझ जा जायेगा। दरअसल स्पाइस बम अपने लक्ष्य पर सीधा हमला करता है और इसका अटैक बड़ा शॉर्प होता है। इसके जरिये आतंकवादियों को मारने का लक्ष्य हासिल करना था ना कि इमारत को गिराने का। स्पाइस 2000 की खासियत ही यही है कि ये घर के अंदर घुसकर फटता है और बिल्डिंग को कोई नुकसान पहुंचाए बिना टारगेट को खत्म कर देता है। भारतीय वायुसेना ने जब आतंकवादियों की मौजूदगी वाले मदरसे पर हुए हमले के दौरान मिसाइल रूपी स्पाइस बम गिराया तो यह छत भेद के अंदर फटी थी।
जहां तक बात दिग्विजय सिंह के बयान की है तो शायद उनको मेमोरी लॉस भी हो गया है क्योंकि तीन साल पहले अक्तूबर में भारतीय वायुसेना ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें एयरस्ट्राइक की पूरी प्रक्रिया को दिखाते हुए बताया गया था कि कैसे बालाकोट में आतंकी अड्डों पर बम बरसाए गए थे। वीडियो में दिखाया गया था कि बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अगले दिन भारतीय वायुक्षेत्र में घुसने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय वायुसेना के जवानों ने उन्हें खदेड़कर बाहर कर दिया था। बहरहाल, जिस तरह हनुमानजी ने लंका में घुसकर रावण की सोने की नगरी को जलाकर तबाह कर दिया था, वैसे ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर बम फोड़े थे। साल 2019 में भारतीय वायुसैनिकों की शौर्यगाथा एक बार फिर दुनिया के सामने आई थी। दुश्मन देश को और कांग्रेस के नेताओं को यह जान लेना चाहिए कि भारतीय सुरक्षा बल हर स्थिति का सामना करने के लिए सदा तैयार रहते हैं और पाकिस्तान के तो हर दुस्साहस का मुँहतोड़ जवाब देना और वह भी उसके घर में घुसकर, इसका मजा ही कुछ और है।