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आगरा,(विवेक कुमार जैन )। कोरोना की द्वितीय लहर में सैंकड़ों मरीजों की जान बचाने वाले नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कुबेरपुर आगरा इस समय डेंगू पीडि़त मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। डेंगू के कारण गंभीर मरीज भी चार दिन में स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। छह हजार प्लेटलेट्स वाले को भी प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी है। कोरोना की तरह डेंगू के प्रकोप में भी सामाजिक उत्तरदायित्व की निर्वहन करते हुए सेवा भाव से इलाज किया जा रहा है। इसी कारण किसी भी मरीज का बिल दस हजार से अधिक नहीं है।
यह कहना है नेमिनाथ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ.प्रदीप गुप्ता का। शनिवार को उन्होंने पत्रकारों को बताया कि डेंगू एक वायरस है,जिसका एलोपैथी में कोई इलाज नहीं है। यही कारण है कि एलोपैथी इलाज करते समय भी मरीज की हालत चिंताजनक हो जाती है। प्लेटलेट गिर जाते हैं जिससे मरीजों की मौत हो रही है। आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद में हालात भयावह हैं। उन्होंने बताया कि डेंगू के इलाज में होम्योपैथिक दवाइयां बहुत अच्छा काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि नेमिनाथ हॉस्पिटल मेें अब तक सौ से अधिक डेंगू मरीज स्वस्थ किये जा चुके हैं। मृत्युदर शून्य है। छह हजार प्लेलेट्स का एक, दस हजार प्लेलेट्स वाले चार, 2० हजार प्लेलेट्स वाले छह, 3० हजार प्लेलेट्स वाले 5० मरीज भर्ती हुए हैं। तीन से चार दिन में छुट्टी दे दी गयी है। वीआईपी रूम लेने के बाद भी दस हजार से अधिक बिल नहीं बनाया है। जो नेमिनाथ हॉस्पिटल की समाजसेवा की नीति का हिस्सा है। मरीजों की देखभाल में डॉ.सौरभ गुप्ता, डॉ.ऋतु गुप्ता, डॉ.अल्पना रावत, डॉ.सारिका पांडे का महती योगदान है। डॉ.प्रदीप गुप्ता ने कहा कि डेंगू से बचाव की जरूरत है,क्योंकि मच्छरों को समाप्त नहीं किया जा सकता है। नेमिनाथ हॉस्पिटल कुबेरपुर और आगरा में 44 नेहरू नगर पर डेंगू से बचाव की दवा नि:शुल्क वितरित की जा रही है। आधार कार्ड दिखाकर दवा ली जा सकती है।