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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि वह चुनाव से छह महीने पहले मीडिया और अन्य एजेंसियों के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग करेंगी ताकि चुनावों पर इन सर्वेक्षणों का कोई असर नहीं पड़े।
बसपा के संस्थापक कांशीराम के 15वें परिनिर्वाण दिवस पर कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मायावती ने कहा कि जनता उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है। उन्होंने कांशीराम को भारत रत्न देने की भी मांग की ।
उन्होंने कहा,”प्रदेश के विकास और जनहित में केंद्र व राज्य की अभी तक जो भी सहीं योजनायें चल रही हैं तो उन्हें विरोधी पार्टियों की तरह बदले की भावना से रोका नही जायेंगा । इसके साथ ही सपा व भाजपा सरकार की तरह दूसरी सरकार के किये गये कार्यो के नाम बदलने का नाटक भी नही किया जायेंगा । प्रदेश में सपा व भाजपा सरकार के सभी कार्यो की इमानदारी से समीक्षा की जायेगी, जो कार्य सही व जनहित में हैं उन्हें जरूर आगे बढ.ाया जायेगा अर्थात रोका नहीं जायेंगा ।”
उन्होंने कहा,”सत्ता में आने पर बहुजन समाज पार्टी प्रदेश में अयोध्या, वाराणसी, मथुरा व अन्य सभी धार्मिक स्थलों पर लोगो की सुविधा के लिये बसपा के सरकार के पदचिन्हों पर चलकर वर्तमान भाजपा सरकार ने अभी तक जो भी कार्य किये हैं वह अभी पूरे नही हुये हैं तो इन कार्यो को बदले की भावना से रोका नही जायेंगा बल्कि पूरा कराया जायेंगा । इसके अलावा प्रदेश में सरकार बनने पर पहले नये अस्पताल, मेडिकल कालेज एवं शिक्षण संस्थान आदि नही बनायें जायेंगे बल्कि पहले से जो बने हैं, उन्हें सुधारा जायेगा । इसी प्रकार उप्र में सड.के व पुल आदि भी नये बनाने से पहले यहां पुरानी सड.को व पुलों आदि को ही ठीक किया जायेंगा ताकि जन हानि न हो सकें ।”
मायावती ने कहा, ‘ जल्द ही मैं निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखूंगी कि चुनाव के छह महीने पहले से मतदान तक सभी एजेंसियों के सर्वेक्षणों पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि इनसे चुनाव प्रभावित न हो सके।’’
उन्होंने कहा, ‘ पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए सर्वेक्षणों में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को काफी पीछे बताया जा रहा था लेकिन जब परिणाम आया तो वह ठीक उल्टा था। जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकनाचूर हो गया और ममता बनर्जी भारी बहुमत से पुन: वापस आ गयी । इसलिये आप लोगों को बहकावे में नहीं आना हैं।’
मायावती की टिप्पणी एक समाचार चैनल द्वारा दिखाए एक सर्वेक्षण के एक दिन बाद आई है जिसमें दिखाया गया है कि भाजपा आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों में उप्र में सबसे अधिक सीटें जीतने और सत्ता बरकरार रखने के लिए तैयार है।
आम आदमी पार्टी को निशाना बनाते हुये मायावती ने कहा कि”जहां तक दिल्ली से उप्र के लोगो के कोरोना के दौरान पलायन का सवाल हैं, आप ने उन्हें उचित रूप से वापस भेजने की व्यवस्था तक नही की थी । अब सोचने की बात यह हैं कि यहीं आम आदमी पार्टी यहां उप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिये यहां के लोगो से उनका सहयोग व समर्थन आदि मांग रही हैं । जिसका उप्र के लोगो को इसी चुनाव में इनको :आप: को यहां सबक सिखाना बहुत जरूरी हैं ।”
उन्होंने कहा कि अब यह आम आदमी पार्टी उप्र में आकर दिल्ली की तरह खासकर बिजली पानी और स्वास्थ्य आदि को लेकर जो किस्म किस्म की रियायतें देने की बात कर रही है तो उनमें बिल्कुल भी सच्चाई नही हैं । वहां:दिल्ली: में जमीनी हकीकत पर कोई काम नही हुये हैं, बल्कि इनकी कागजों में ही लीपापोती होती रही हैं । इसके साथ साथ अब आम आदमी पार्टी यह भी कह रही है कि दिल्ली की तरह यहां उप्र के लोगो को भी रोजगार दिये जायेंगे और रोजगार नहीं दिये जाने पर उन्हें बेरोजगारी भत्ता भी दिया जायेगा । इसमें रत्ती भर सच्चाई नही हैं, यह बात बिल्कुल झूट और हवा हवाई हैं ।
मायावती ने कहा, ‘प्रदेश में कुछ ऐसी भी छोटी-छोटी पार्टियां व दल हैं जो अकेले या गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं । इनका मकसद चुनाव जीतना नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिये पर्दे के पीछे से खासकर सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाना होता है । यह छोटी पार्टियां उन्हीं के हिसाब से अपने प्रत्याशी खड़े करती हैं , इसलिये ऐसी पार्टियों और दलों से सावधान रहने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि,” भाजपा, सपा व कांग्रेस के साथ साथ आम आदमी पार्टी, ओवैसी की पार्टी, शिवसेना व अन्य और भी पार्टियां जो अपने अपने वोट की खातिर अभी से ही उप्र की जनता को किस्म किस्म के वायदे कर रही हैं तो वह केवल हवा हवाई हैं । उसमें रत्ती भर भी दम नही हैं । वैसे भी इस बार चुनाव में सभी विरोधी पार्टियां अपने अपने चुनावी घोषणा पत्रों में कुछ ज्यादा ही प्रलोभन भरे चुनावी वायदे करने वाली हैं, जिनके बहकावे में प्रदेश की जनता को कतई नही आना हैं ।”
कांग्रेस पर निशाना साधते हुये मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दलित को किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री तथा पार्टी का प्रमुख ही क्यों न बना दें तो भी दलित वर्ग के लोग उनको वोट नहीं देंगे । कांग्रेस पार्टी किसानों के मुददे की आड. में सिक्ख समाज को लुभाने के लिये कितनी भी नाटकबाजाी क्यों न कर लें तो भी देश में सिक्ख समाज के लोग कांग्रेस के राज में हुये सिक्ख दंगो को आसानी से भुला पाने वाले नहीं हैं ।