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लखनऊ। 1 सितंबर
बरसों से बेहतर कनेक्टिविटी, चौड़ी सड़कों, सुगम हाई-वे को तरस रहे यूपी को योगी सरकार ने अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में बिलकुल नया रूप दिया है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए संकल्प पत्र में किये गये वायदों को तेजी से पूरा करने का बड़ा काम किया है। इसके चलते मथुरा, काशी, झांसी एवं गोरखपुर को जोड़ने वाले रोड कॉरीडोर प्रदेश के विकास की नई गाथा लिखने जा रहा है। प्रदेश को आपस में बेहतर तरीके से जोड़ने के प्रयास ने शहरों के बीच की दूरियों को कम किया है। बेहतर रोड कनेक्टिविटी देने के साथ बाकी देशों से हवाई कनेक्टिविटी सुधारने के लिए प्रदेश में नए एयरपोर्टों का निर्माण कराया है।
सरकार के प्रयासों से प्रदेश में 05 नए एक्सप्रेस-वे बनाने की कार्रवाई चल रही है। 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निर्माण के अंतिम चरण में है। 297 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का कार्य 75 फ़ीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। 91 किमी लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण 70 फीसदी पूरा किया जा चुका है। इसकी अनुमानित लागत 5876.68 करोड़ रुपये है। 36402 करोड़ रुपये की लागत से 594 किमी लंबे मेरठ से प्रयागराज के बीच नए गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है। गौरतलब है कि 2017 तक जहां उत्तर प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी में ही क्रियाशील एयरपोर्ट थे। वहीं योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से राज्य में 21 एयरपोर्ट और 07 हवाई पट्टियों के बनाने की प्रक्रिया शुरू करवाई। जेवर, कुशीनगर और अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं। अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती एयरपोर्ट का काम पूरा होने के बाद यहां लाइसेंसिंग की प्रक्रिया जारी है। चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट भी जल्द पूरे होने वाले हैं। इतना ही नहीं सहारनपुर, झांसी, मेरठ और ललितपुर में हवाई अड्डा के लिए भूमि खरीदने का काम चल रहा है।