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जयपुर संवाददाता
कांग्रेस में घमासान के बाद पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंतरित अध्यक्ष सोनिया गांधी को 9 पन्नों की रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को क्लीनचिट दी गई हे। वहीं विधायकों की अलग बैठक बुलाने पर शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इस बीच सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि उनकी मुलाकात सोनिया गांधी के साथ होगी। वहीं सोनिया गांधी केरल के वरिष्ठ नेता एके एंटोनी को दिल्ली बुलाया है। इस बीच पिछले दिनों के घटनाक्रम के बाद अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की। उसके बाद उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी कांग्रेस आलाकमान को चुनौती नहीं दी।
पर्यवेक्षकों ने कहा कि अशोक गहलौत की मर्जी से विधायक दल की बैठक का दिन और समय तय किया गया था। इसके बावजूद अशोक गहलोत जैसलमेर चले गए और पीछे से उनके विश्वस्त जोशी ने विधायकों को धारीवाल के आवास पर बुलाया। विधायक दल की तय बैठक के समानांतर धारीवाल के आवास पर बैठक की गई, जो आलाकमान को सीधी चुनौती और अनुशासन तोड़कर पार्टी की छवि खराब करने वाला है। तीनों मंत्रियों ने पर्यवेक्षकों पर एक-एक विधायक से राय नहीं लेने को लेकर दबाव बनाया।
अशोक गहलोत गुट ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गहलोत के विश्वस्त और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर स्थित अपने आवास पर आरोप लगाया कि अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाने का षडयंत्र था, जिसमें राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन शामिल थे। उन्होंने कहा कि माकन दिल्ली से सचिन पायलट को सीएम बनाने का एजेंडा लेकर आए थे। जिसके हमारे पास सबूत हैं। उन्होंने कहा कि माकन का एजेंडा पायलट को सीएम बनाना था, इसलिए विधायक नाराज हो गए ।