Getting your Trinity Audio player ready...
|
ग़ाज़ियाबाद 03.04.2022 , अखिलेश चौधरी (भाग प्रचार हरनंदी महानगर)
राष्ट्रीय स्वंम सेवक संघ ग़ाज़ियाबाद के संघ द्वारा चिन्हित हरनंदी महानगर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा और भारतीय नववर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरनंदी महानगर के स्वयंसेवकों ने नव संवत्सर 2079 के अवसर पर वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम आयोजित किए। कोरोना महामारी के कारण से पिछले दो वर्ष से प्रतिपदा के दिन सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया था। इस बार परिस्थिति अनुकूल होने के कारण पूर्ण गणवेश में स्वयं सेवकों ने पथ संचलन किया। इस अवसर पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार की जयन्ती भी मनाई गई।
इन्दिरापुरम, खोड़ा सहित महानगर के अलग-अलग 15 नगरों (विजय नगर, प्रताप विहार, सिद्धार्थ विहार, शिव नगर, गौर सीटी, क्रॉसिंग रिपब्लिक आदि) में पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने एकत्रित होकर आद्य सरसंघचालक प्रणाम, ध्वजारोहण एवं संघ प्रार्थना के पश्चात स्थानीय मार्गों पर पथ संचलन किया। पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवक अनुशासित रूप से घोष व संचलन गीत के साथ कदम-ताल करत हुए चल रहे थे। पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों को देखकर पथ संचलन देखने के लिए सड़क के दोनों तरफ लोग खड़े रहे। इस बीच स्वयं सेवकों का पुष्प वर्षा के साथ लोगों ने जगह-जगह स्वागत किया।
आयोजित वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम में वक्ता ने भारतीय नव वर्ष की स्वयंसेवकों को बधाई दी। उन्होंने ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मां दुर्गा के अवतरण का दिन है, भगवान राम के राज्याभिषेक का पावन पर्व है, गुरु अंगद देव का जन्मदिन है इसके साथ ही संत झूलेलाल का प्रकट महोत्सव भी वर्ष प्रतिपदा को है। इसी दिन विक्रमादित्य ने इस धरती से ग्रीक, हूण, शक यवन जैसे आततायियों को खदेड़ कर प्रयागराज संगम में राजसूय यज्ञ कर हिंदुत्व का झंडा गाड़ा, तब से विक्रम सम्वत प्रारंभ हुआ। इसी दिन 5124 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर सम्वत भी प्रारंभ हुआ, जिसे कलयुग कहते हैं। इसी दिन स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की तथा यह दिन हम सब संघ के स्वयंसेवकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसी दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 1889 को बलिराम की आंगन में मां रेवती के गर्भ से संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का हुआ और इसलिए इनका जन्मदिवस भी हम सब मनाते हैं।
उन्होंने संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के बचपन का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि जब वे तीसरी कक्षा में पढ़ रहे थे। तभी रानी विक्टोरिया के राज्यारोहण पर बंटने वाली मिठाई के दोने को फेंक देना, सीताबर्डी किले से यूनियन जैक उतारने के लिए सुरंग खुदवाना तथा नील सिटी हाई स्कूल में वंदे मातरम के उद्घोष पर उन्हें विद्यालय से निष्कासित किया गया। वे जन्मजात देशभक्त एवं क्रांतिकारी थे। डॉ हेडगेवार के जयंती के अवसर पर उन्होंने बताया की महामना और डॉ साहब एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे। महामना ने संघ कार्य के लिए समाज से धन लेने का परामर्श दिया पर उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक ही हमारी पूंजी हैं।
इस अवसर पर वक्ता के रूप में अलग-अलग नगरों में रहने वाले प्रमुख पदाधिकारी
१. ॐ नगर – मा० जितेंद्र जी, महानगर सह-संघचालक
२. अंबडेकर नगर – ललित शंकर जी, महानगर प्रचारक
३. बुद्ध नगर – अमरदीप जी, महानगर टावर प्रमुख
४. महाराणा प्रताप – हरीश जी, महानगर कार्यवाह
५. विजय नगर – मा०प्रदीप जी, महानगर सह-संघचालक
६. शिव नगर – उपेन्द्र जी, महानगर सह-व्यवस्था प्रमुख
७. सावरकर नगर – अविनाश जी, महानगर व्यवस्था प्रमुख
८. इन्दिरापुरम पूर्व एवं
९. इन्दिरापुरम मध्य – वेदपाल जी, प्रान्त सह-संपर्क प्रमुख, मेरठ प्रान्त
१० इन्दिरापुरम पश्चिम – अभिषेक जी, भाग प्रचारक, सुदर्शन भाग (इन्दिरापुरम)
११. अर्जुन नगर – रामवरुण जी, विभाग कार्यवाह, गाजियाबाद विभाग
१२. धर्मराज नगर – आशीष जी, महानगर सह-कार्यवाह
१३. महाबली भीम- रोहित जी, भाग प्रचारक, श्रीकृष्ण भाग (खोड़ा)
१४. नकुल नगर – भूपेंद्र जी, महानगर IT प्रमुख
१५. सहदेव नगर – उमाशंकर जी, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख