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भोपाल। कागजी योजनाओं से जमीनी परिणाम नहीं लाए जा सकते। बरसों-बरस से योजनाओं के कागजी घोड़े दौड़ाकर हथेली में चांद दिखाने के नतीजे यह थे कि गरीब लगातार गरीबी के धरातल में धंसता जा रहा था, पूंजीपति और जमाखोर अपनी संपत्तियों में बढोत्तरी करते जा रहे थे। लेकिन भाजपा की मप्र सरकार ने पिछले दो दशक में इस स्थिति को उलटा किया है। गरीबों को हर क्षेत्र में सक्षमता और सहजता प्रदान कर गरीबी के स्तर को नीचे की तरफ धकेलने में प्रदेश सरकार को सफलता हासिल हुई है। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश में पिछले पांच बरसों के कार्यकाल में गरीबी उन्मूलन के बेहतर नतीजे आए हैं।गरीबी उन्मूलन के इस प्रयास में मप्र को देशभर में पांचवां स्थान मिला है।
नीति आयोग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में देशभर के सभी राज्यों की गरीबी स्थिति को दर्शाता एक परिणाम जारी किया है। इस परिणाम में मप्र पांचवे स्थान पर मौजूद है। जहां वर्ष 2015-16 के सर्वे के मुकाबले 15.94 प्रतिशत की गिरावट दर्शाई गई है। वर्ष 2015-16 का सर्वे मप्र में गरीबी का आंकड़ा 36.57 प्रतिशत पर ठहरा हुआ था। जिसे वर्ष 2019-21 के दौरान 20.63 तक लाने में प्रदेश सरकार ने लाने में सफलता प्राप्त की है।
योजनाओं से हुआ संभव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरूआत से ही गरीब, मजदूर, किसानों और निचले तबके के लोगों के साथ अपनेपन का भाव रखा है। इसी के चलते उन्होंने इस वर्ग के जीवन को आसान बनाने और इनके जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रयास किए हैं। मंचीय घोषणाओं और कागजी योजनाओं से ऊपर जाकर उन्होंने गरीब कल्याण की योजनाएं बनाई भी और उन्हें जमीनी हकीकत तक भी पहुंचाया।
इन योजनाओं पर हुआ फोकस
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 6 लाख 75 हजार से अधिक और ग्रामीण के अंतर्गत 34 लाख 58 हजार से अधिक आवासों का निर्माण।
पीएम स्वनिधि योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के माध्यम से 11 लाख से अधिक छोटे व्यवसायियों को ब्याज मुक्त ऋण दिलाया गया।
संबल योजना के अंतर्गत लगभग 4 लाख 80 हजार से अधिक हितग्राहियों को 4 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक के हितलाभ वितरित किए गए।संबल-2 में 17 लाख 50 हजार से अधिक पात्र हितग्राही जुड़े।
हितग्राहियों को वितरित किए गए 20 लाख से अधिक स्वामित्व कार्ड।
चूल्हे- चौके तक दी सुविधाएँ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में गरीब के चूल्हे को सुलगता और उसके चौके को आबाद रखने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। इसके लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की लगातार माॅनिटरिंग रखकर इनके वास्तविक हितग्राही तक लाभ पहुंचाने के प्रयास भी किए गए हैं।
=100 से अधिक दीनदयाल रसोई केन्द्रों में मात्र 05 रुपए में गरीबों को भरपेट भोजना
=महिलाओं और बच्चों में आयरन की कमी को दूर करने के लिए फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है।
=प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य की दुकानों तक राशन सामग्री के परिवहन का कार्य करने का अवसर प्रदेश के युवाओं को देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना लागू
=प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में लगभग 82 लाख महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शना वृद्धों, निराश्रितों, दिव्यांगों आदि को प्रतिवर्ष 3600 करोड़ रुपए की पेंशना
=वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण, पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए प्रदेश में 75 वरिष्ठ आश्रमों का संचालना
ताकि स्वस्थ्य रहे प्रदेश
- प्रदेश के 3 करोड़ 59 लाख से अधिक हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। इस योजना में 28 लाख 65 हजार से अधिक मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा चुका है
- 5 करोड़ 18 लाख से अधिक हितग्राहियों को निःशुल्क खाद्यान्न मिल रहा है।
- मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के अंतर्गत 4 हजार 700 से अधिक बच्चों को सहायतादी जा रही है।
- बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण हेतु निःशुल्क मूंग वितरण।
गरीबों को भी मिले रिश्तों की चमक
मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह, कल्याणी विवाह, निःशक्तजन विवाह योजनाओं में अब तक 6 लाख 25 हजार से अधिक बेटियों को 1575 करोड़ से अधिक के हितलाभ प्रदान किए गए। प्रति कन्या देय सहायता राशि 51 हजार रुपए को बढ़ाकर 55 हजार रुपए किया गया है। अब सम्पर्ण सहायता सामग्री के रूप में नहीं बल्कि चेक से सीधे बेटी के खाते में।
और यह सदकर्म न रह जाए बाकी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के हर बुजुर्ग को तीर्थदर्शन जैसे कर्म को पूरा करने के लिए आसानियां बनाई हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में अब तक लगभग 8 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने तीर्थयात्रा की है। अब प्रदेश के बुजुर्गों को विमान द्वारा तीर्थ दर्शन करने की सुविधा भी दी जा रही है।
शिवराज का सीधा ऐलान, जो गरीबों का नहीं, वह हमारा नहीं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबों को आगे रखते हुए योजनाएं बनाने के साथ इस लक्ष्य को भी साध रखा है कि कोई गरीब बेघर, बिना इलाज, बिना जमीन, भूखा और बिना सहायता के नहीं रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कुछ कड़े फैसले लेते हुए यह ऐलान भी किया कि जो गरीबों के साथ छल करेगा, उसे किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। भू.माफिया से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के लिए सुराज कॉलोनियां बन रही हैं
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि बच्चों, महिलाओं, विकलांगजनों, निराश्रितों तथा वरिष्ठ नागरिकों आदि के कल्याण के लिए प्रतिष्ठित सामाजिक संस्थाओं का सहयोग प्राप्त किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार हजार करोड़ के सोशल इम्पेक्ट बॉन्ड्स करने की योजना बना चुकी है।