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नई दिल्ली, संवाददाता । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट के बाद हितधारकों के साथ बातचीत के बाद मीडिया से बात करते हुए अडानी संकट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बुधवार शाम अचानक 20,000 करोड़ के अपने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को वापस लेने से देश के मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल और प्रतिष्ठा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
एफपीओ वापसी पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कितनी बार इस देश से एफपीओ वापस नहीं लिया गया है और कितनी बार भारत की छवि इसके कारण खराब हुई है और कितनी बार एफपीओ वापस नहीं आए हैं?अडानी विवाद और कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री एन सीतारमण ने कहा कि इसलिए नियामक अपना काम करेंगे। दरअसल, प्रमुख स्थिति में बाजार को अच्छी तरह से विनियमित रखने के लिए, सेबी प्राधिकरण है और उसके पास उस प्रमुख स्थिति को बरकरार रखने का साधन है। यह नियामक होंगे जो अपना काम करेंगे। आरबीआई ने बयान दिया, उससे पहले बैंकों, एलआईसी ने बाहर आकर अपने एक्सपोजर (अडानी समूह को) के बारे में बताया। सरकार से स्वतंत्र नियामक, जो उचित है उसे करने के लिए वे खुद पर छोड़ दिए गए हैं ताकि बाजार अच्छी तरह से विनियमित हो।