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विवेक कुमार जैन
आगरा 25 जनवरी।
आगरा जिले की फतेहाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार रूपाली दीक्षित की इन दिनों काफी चर्चा में है। जयपुर,पुणे लंदन में पढ़ीं और दुबई की मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर चुकीं रूपाली दीक्षित के पिता समेत 4 परिजन हत्या के एक मामले में उम्रकैद काट रहे हैं। 34 साल की रूपाली ने ब्रिटेन से मैनेजमेंट स्टडीज में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री ली है। इसके बाद दुबई में नौकरी करने लगीं और फिर पिता अशोक दीक्षित समेत परिवार के 4 लोगों को उम्रकैद की सजा हुई तो 2016 में वह स्वदेश वापस लौट आईं। यहां आकर उन्होंने लॉ की पढ़ाई की।फिर पिता की मर्ज़ी से उनकी राजनीति में एंट्री हुई 2017 में उन्होंने भाजपा जॉइन की लेकिन 2019 में उनका इस पार्टी से मोह भंग हो गया और उन्होंने अपना एक संगठन “कर्मा संगठन ” के नाम से बना लिया और क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया।इस बार अब सपा ने इस विधान सभा से अपना घोषित प्रत्याशी बदल कर रुपाली दीक्षित को चुनाव मैदान में उतारा है।
रूपाली की फैमिली के सभी बड़े पुरुष सदस्य जेल में बंद हैं और उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत इसी केस से हुई थी। वह जब कानून की बारीकियां नहीं समझ पाईं तो फिर लॉ की डिग्री ली। इसी दौरान वह राजनीति और सामाजिक गतिविधियों में भी शामिल हुईं। रूपाली के पिता 75 वर्षीय अशोक दीक्षित को 2015 में सरकारी स्कूल के टीचर सुमन यादव की हत्या का दोषी ठहराया गया था। अशोक दीक्षित के खिलाफ कुल 69 आपराधिक केस दर्ज हैं, जिनमें तीन हत्या के मामले में भी शामिल हैं।वह इन दिनों बरेली जेल में है। अशोक दीक्षित मूल रूप से फिरोजाबाद के रहने वाले थे, लेकिन आगरा में कारोबार के चलते बस गए थे। उन्हें कोल्ड स्टोर के कारोबार के लिए जाना जाता है। हालांकि मुश्किलें तब बढ़ीं जब 2007 में सुमन यादव के मर्डर केस में उनका नाम सामने आया।
उस वक्त रूपाली दीक्षित 19 साल की ही थीं, जब उनके पिता को अरेस्ट किया गया था। भाई अभिनव दीक्षित तब 14 साल के ही थे।
एक एक्सक्लूसिव बातचीत में
रूपाली ने बताया कि उनके पिताजी चाहते थे कि मैं चुनाव लड़ो उनका कहना था कि उन्होंने तीन
बार चुनाव लड़ने की कोशिश की लेकिन जातिवाद के चलते उन्हें सफलता नही मिली।अपने पिता को पीड़ितों की मददगार मानने वाली रुपाली का मानना है कि अब बदलाव का दौर है ,वह शिक्षित है और समाज के लिए काम कर रही है तो युवा उनसे जुड़ेगा। सोशल मीडिया से भी बहुत बदलाव आया है लोग अब समझने लगे है।भाजपा के नेता एवम 3 बार के विधायक रहे छोटेलाल वर्मा जो कि इस बार भी इसी क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार है द्वारा उनके पिता अशोक दीक्षित की चोटी को लेकर जो एक विवादित बयान दिया था के संबंध में पूछे जाने पर रूपाली ने कहा कि छोटे लाल 15 वर्ष तक विधायक रहे तब उन्हें सर्व समाज ने ही ताज पहनाया था लेकिन उन्होंने इसका सम्मान नही किया बल्कि अपमान किया ।अब हम चुनाव लड़ कर इसका बदला लेंगे जो उन्होंने पिताजी की चोटी को लेकर बयान दिया था तो चोटी तो इस देश में हिंदुत्व की निशानी है अगर कोई उसका सम्मान नहीं कर सकता तो वह सम्मान हम खुद ले लेंगे।हमारी नई लड़ाई है ,नई सोच है।