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विवेक कुमार जैन
आगरा: 27 फरवरी।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात ख्याति प्राप्त एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व की निगाहें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के पक्ष में सहानुभूति की तरफ होती दिखाई दे रही हैं और यूक्रेनी राष्ट्रपति 24 फरवरी 2022 से आरम्भ हुए यूक्रेन-रूस युद्ध में अब काफी दबाव महसूस कर रहे हैं, आजकल वो अपने बयानों में कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि रूस ने हमें चारों ओर से घेरा हुआ है और हम डरे हुए हैं, लेकिन अपने देश की रक्षा के लिए हम पीछे नहीं हटेंगे। वर्तमान में इस युद्ध के चलते दुनिया के कई देशों ने रूस की कड़ी से कड़ी निंदा की है, और साथ ही रूस के साथ व्यापार करने पर कई देशों ने बैन लगाने का भी ऐलान कर दिया है, लेकिन वर्तमान में कोई भी देश खुलकर यूक्रेन की रक्षा के लिये सामने नहीं आया है। इस वजह से वर्तमान में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की उम्मीद टूट गई है, लेकिन फिर भी वे अपने देश की जनता को दुश्मनों से लड़ने के लिए हौसला और हथियार भी दे रहे हैं, और उन्हें प्रेरित कर रहे हैं, वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व के समक्ष इस महासंकट के सन्दर्भ में ग्रहोंनुसार एक ज्योतिषीय विश्लेषण करने की कोशिश करते हैं कि वर्तमान का यूक्रेन का महासंकट कब तक चलेगा।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की जिनका जन्म 25 जनवरी 1978 में तत्कालीन सोवियत संघ के दौरान हुआ। उनका जन्म स्थान क्रिवी रिह है, बाद में ये शहर यूक्रेन का हिस्सा बन गया। यूक्रेनी राष्ट्रपति की उपलब्ध जन्मतिथि के अनुसार उनकी चन्द्र लग्न की राशि कर्क में चन्द्रमा और मंगल एक साथ युति में मौजूद हैं जो कि महालक्ष्मी योग का निर्माण कर रहे हैं और वर्तमान में यूक्रेनी राष्ट्रपति पर वर्ष 2019 से चन्द्रमा ग्रह की महादशा अवधि भी चल रही है जिसके कारण मई 2019 में वोलोडिमिर जेलेंस्की कम उम्र में ही यूक्रेन के राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य एक कॉमेडियन से राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद तक पहुंचने में कामयाब हो गए, लेकिन उनकी जन्मकुंडली में सद्बुद्धि के कारक देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह जन्म के समय वक्री एवम 3 डिग्री पर मृत अवस्था में स्थित हैं जो कि किसी भी देश के शासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यक्ति के अंदर योग्यता की कमी को दर्शाता है। और दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति की कुंडली में सूर्य और शुक्र की एक साथ युति है अर्थात बुध ग्रह का साथ सूर्य को उनकी जन्मकुंडली में उन्हें नहीं मिला है जिसके कारण यह योग यूक्रेनी राष्ट्रपति को आपातकाल की विपरीत परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता को क्षीण करने वाला बनाता है और आजकल इस तरह की घटनाएं ही उनके साथ वर्तमान में देश की वर्तमान की आपातकाल की विपरीत परिस्थितियों में पूर्ण रूप से घटित हो रही हैं। दूसरी तरफ उनकी जन्मकुंडली में सहयोगियों का कारक देवगुरू ब्रह्स्पति जन्म के समय वक्री अवस्था में मौजूद है, जिसके परिणामस्वरूप नाटो देशों से उन्होंने जो सहयोग की अपेक्षाएं की थीं वो यूक्रेन के बुरे वक्त में वह देश पूरी तरह खुलकर उनके साथ नहीं आये जिनके भरोसे उन्होंने रूस जैसी महाशक्ति से टक्कर ले ली और वर्तमान में पिछले 3 दिनों से केवल सहयोग की बयानबाज़ी ही अन्य देशों से उन्हें सुनने को दिखाई दे रही हैं।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की जन्मकुंडली में युद्ध का देवता मंगल नीच राशि कर्क का होकर वक्री अवस्था में मौजूद है, हालांकि चन्द्रमा की मंगल ग्रह के साथ एक साथ युति होने पर ये नीच भंग राजयोग का भी निर्माण कर रहा है जिसके कारण वोलोडिमिर जेलेंस्की कम उम्र में यूक्रेन के राष्ट्रपति बन गए। लेकिन वर्तमान में उनकी चन्द्र राशि कर्क पर 6 अप्रैल 2021 से लेकर 13 अप्रैल 2022 तक ब्रह्माण्ड की गोचरीय परवर्तित चाल में अति शुभ ग्रह देवगुरू ब्रह्स्पति का आर्शीवाद पूर्ण रूप से नहीं है, यही कारण है कि 24 फरवरी 2022 को गुरुवार के दिन ही रूस ने यूक्रेन पर चारों तरफ से आक्रमण करके यूक्रेन की राजधानी कीव को घेर लिया है। क्योंकि ब्रह्माण्ड में देवगुरू ब्रह्स्पति 19 फरवरी 2022 से एक माह के लिए सूर्य के कारण अस्त अवस्था में चल रहे हैं, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्तमान में देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह की अस्त अवस्था के कारण विशेकर 14 मार्च 2022 तक संकट ज्यादा गहरा ग्रहोंनुसार दिखाई दे रहा है वर्तमान में यूक्रेन के राष्ट्रपति के लिए और सम्पूर्ण विश्व के लिए क्योंकि दुर्भाग्य से 27 फरवरी 2022 से मंगल ग्रह मकर राशि पर गोचर में आ चुके हैं शनि ग्रह के साथ जो कि महाविस्फोटक स्थिति वर्तमान में यूक्रेन के साथ साथ सम्पूर्ण विश्व में घटित हो सकती है। क्योंकि मंगल और शनि एक दूसरे के दुश्मन ग्रह हैं। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्तमान के सम्पूर्ण विश्व के समक्ष इस महासंकट में यूक्रेन के राष्ट्रपति को रूस के समक्ष समर्पण करके सकारात्मक बातचीत के द्वारा वर्तमान में युद्ध पर विराम लगाने की एक सकारात्मक पहल करनी चाहिए क्योंकि विश्व के अन्य देशों से यूक्रेन को आशा के अनुसार सहयोग वर्तमान में 13 अप्रैल 2022 तक यूक्रेन को प्राप्त होने वाला नहीं है।