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विवेक कुमार जैन
आगरा: 9 दिसम्बर ।तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद से पूरा देश गम में है।मगर आगरा के लिए यह हेलीकॉप्टर हादसा बेहद दुखदाई है। जो हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ, उसकी कमान आगरा के जाबांज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के हाथ में थी। हादसे के बाद से पृथ्वी सिंह चौहान के न्यूआगरा स्थिति घर पर कोहराम मचा हुआ है।हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद सीडीएस बिपिन रावत के साथ ही आगरा के जांबाज सपूत पृथ्वी सिंह चौहान भी शहीद हुए हैं।मां और बहनों का रो रोकर हाल बेहाल है। रिश्तेदार और परिचितों का घर पर तांता लगा हुआ है
वायुसेना बेटे की काबिलियत की कायल थी
न्यू आगरा निवासी सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उनका बेटा पृथ्वी सिंह हेलीकॉप्टर पायलट था।पृथ्वी के युद्ध कौशल की वायुसेना भी कायल थी। उसने सूडान में विशेष ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद पृथ्वी की गिनती वायुसेना के जाबांज पायलट्स में होती थी। पिता सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि एयरफोर्स ज्वाइन करने के बाद पृथ्वी की पहली पोस्टिंग हैदराबाद हुई थी। इसके बाद पृथ्वी सिंह चौहान की पोस्टिंग गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्य एयरफोर्स स्टेशन पर रही।
कारोबार छोड़कर चुनी थी देश सेवा
न्यू आगरा की सरन नगर कॉलोनी निवासी सुरेंद्र सिंह का बेकरी का कारोबारी हैं।उनके बीटा ब्रेड और चौहान टोस्ट के नाम ब्रांड हैं।सुरेंद्र सिंह की चार बेटियां शकुंतला, मीना, गीता और नीता के बाद सबसे छोटा इकलौता बेटा पृथ्वी सिंह चौहान थे वे करीब 25 साल तक ग्वालियर में रहे यहां पर बेकरी का कारोबार किया पृथ्वी सिंह चौहान ने आर्मी स्कूल में दाखिला के लिए टेस्ट दिया था जहां उनका दाखिला रीवा के आर्मी स्कूल में हो गया ।आर्मी स्कूल से 12वीं की तभी एनडीए में चयन हो गया। यहां से पृथ्वी सिंह चौहान वायुसेना में चले गए । सन 2000 में उनकी भारतीय वायुसेना में ज्वाइनिंग हुई वर्तमान में विंग कमांडर थे और कोयम्बटूर के पास एयरफोर्स स्टेशन पर तैनाती थी। पृथ्वी का विवाह सन 2007 में वृंदावन निवासी कामिनी सिंह से हुआ था। उनकी 12 वर्षीय बेटी आराध्या और नौ वर्षीय बेटा अविराज है।
मां का रो रोकर हाल बेहाल
मां सुशीला चौहान और पिता सुरेंद्र सिह चौहान का रो रोकर हाल बेहाल है। उनका कहना है कि उनके बेटे की कोयम्बटूर के पास एक एयरफोर्स स्टेशन पर तैनाती थी. बुधवार दोपहर में जब हेलीकॉप्टर क्रैश होने की खबर उन्हें बेटी शकुंतला ने दी थी। उन्होंने कहा कि भाई पृथ्वी को फोन किया उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा था इस पर बहू कामिनी से संपर्क किया इसके बाद बहू कामिनी ने इस दुखद हादसे की जानकारी दी। मां ने बताया कि अभी एयरफोर्स के स्तर पर उन्हें सूचना नहीं मिली है इसके बाद घर पर रिश्तेदार और परिचितों का जुटना शुरू हो गया देर शाम तक खबर धीरे धीरे लोगों में फैल गई थी, तो भीड़ घर पर आ गई।
पिता की भी भर आई आखें
शहीद पृथ्वी सिंह चौहान के बारे में पूछने पर पिता सुरेंद्र सिंह चौहांन की आंखें भर आईं उन्होंने कहा कि मेरा कारोबार खूब अच्छा था मगर दोस्तों के साथ बेटा पृथ्वी सिंह चौहान ने सेना में जाने की आर्मी स्कूल से ही ठान ली थी। उसने यह फैसला उस समय किया था, जब वो दोस्तों के साथ टीवी देख रहा था।उन्होंने कहा कि बेटा पृथ्वी की अभी उम्र करीब 42 साल थी वह उसकी पोस्ट विंग कमांडर की थी तीन दिन पहले ही बेटे से बात हुई थी तब उसने मां सुशीला चौहान की आंख के इलाज को लेकर बात हुई थी कहा था कि जल्द ही मां सुशीला की आंख का इलाज कराएंगे।आगरा के मिल्ट्री हॉस्पिटल में उनका उपचार कराना था। मगर यह खबर आई कि जो अपने कौशल और काबिलियत से दुश्मन के लड़ाकू विमानों को चकमा देता था, वो पृथ्वी हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खामी से शहीद हो गया।