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लखनऊ 25 मार्च । योगी आदित्यनाथ आज अटल स्टेडियम में अपने 52 मंत्रिओं के साथ दूसरी बार इतिहास रचते हुए पद और गोपनीयता की शपथ ली ।
उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन दशक बाद भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में दोबारा सरकार बनाकर इतिहास रच दिया. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृह मंत्री अमित शाह , कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के सीएम मौजूद रहे ।
सीएम योगी के साथ ही 52 और मंत्रियों ने शपथ ली. केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने राज्य के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. इसके साथ सूर्यप्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जय वीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, अरविंद कुमार शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय, आशीष पटेल और संजय निषाद कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली ।
राज्य मंत्री के रूप में मयंकेश्वर सिंह, दिनेश खटीक, संजीव गोंड, बल्देव सिंह ओलख, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, केपी मलिक सुरेश राही, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान, प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर गुरु, रजनी तिवारी,सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी, विजय लक्ष्मी गौतम शपथ ली.
वहीं राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर नितिन अग्रवाल, कपिल देव अग्रवाल, रवींद्र जयसवाल, संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश चंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, जेपीएस राठौर, दयाशंकर सिंह, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, अरुण कुमार सक्सेना और दयाशंकर मिश्रा दयालु शपथ ली ।
योगी आदित्यनाथ का नाम अजय सिंह बिष्ट था और उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के एक गांव में हुआ था. लेकिन राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में शामिल होने के लिए घर छोड़ दिया और उसके बाद वह गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से मिलने पहुंचे और उनके शिष्य बन गए. इसके बाद अजय सिंह बिष्ट योगी आदित्यनाथ के तौर पर पहचाने जाने लगे. योगी आदित्यनाथ ने 1998 में गोरखपुर से सबसे कम उम्र के सांसद बनकर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. इस सीट पर उनके गुरु अवैद्यनाथ सांसद हुआ करते थे. पांच बार सांसद रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया और नेतृत्व में 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा ।