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भाजपा का भविष्य योगी आदित्यनाथ के मजबूत ग्रहों पर निर्भर

नरेंद्र मोदीजी का राजयोग 28 नवंबर 2021 के बाद उतना बलशाली नहीं

Editor@SKS by Editor@SKS
October 29, 2021
in टॉप न्यूज़, देश, राशिफल
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भाजपा का भविष्य योगी आदित्यनाथ के मजबूत ग्रहों पर  निर्भर
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विवेक कुमार जैन

आगरा: वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्व विख्यात ख्याति प्राप्त एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने उत्तरप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जन्मकुंडली का विश्लेषण करते हुए कहा कि योगीजी की कुंडली में शासन का कारक सूर्य ग्रह बुध के साथ युति बनाकर आदित्य नामक महाराजयोग बनाकर कर्म भाव में विराजमान है, जिसने योगीजी को लगातार पांच बार सांसद और कम उम्र में उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। योगीजी आने वाले समय में देश की राजनीति एवम भारतीय जनता पार्टी की मान प्रतिष्ठा भी आने वाले भविष्य में देश के जन-मानस में योगीजी के प्रबल राजयोगों के कारण ही सुर्खियों में रहेगी क्योंकि इनके मजबूत प्रबल ग्रह मोदीजी से भी ज्यादा ताकतवर हैं जो कि उन्हें भविष्य के प्रधानमंत्री जैसे देश के उच्च पद पर पहुँचाने की भी क्षमता रखते हैं।

वैदिक सूत्रम चेयरमैन भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों का ज्योतिषीय विश्लेषण करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ जिन्होंने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी उसके बाद से ही उनके मजबूत ग्रहों के कारण उनका कद उत्तरप्रदेश के साथ-साथ देश की राजनीति में उनका कद लगातार बढ़ता ही जा रहा है

वैदिक सूत्रम चेयरमैन भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपलब्ध जन्मकुंडली पांच जून 1972, जन्म समय अपरान्ह 12 बजे, पंचूर, पौड़ी गढ़भाल, उत्तराखंड के आधार पर उनकी जन्मकुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण करते हुए कहा कि इस विवरण के अनुसार योगी आदित्यनाथ की जन्मकुंडली सिंह लग्न की है। इनकी चंद्र राशि कुंभ है। इनके जन्म लग्न का स्वामी सूर्य ग्रह है तो इनकी चन्द्र लग्न की राशि का स्वामी ब्रह्माण्ड का न्यायधीश शनि ग्रह है। इनका जन्म पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है। वर्तमान में इन पर केतु की महादशा में 6 फरवरी 2021 से ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह की अंतरदशा अवधि चल रही है जो कि 13 जनवरी 2022 तक चलेगी जो कि यश प्रसिद्वि में कभी-कभी ग्रहण लगाने की कोशिश करेगी क्योंकि योगीजी की जन्मकुंडली में देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह अपनी स्व राशि धनु में जन्म के समय वक्री अवस्था में थे जिसके कारण देवगुरू ब्रह्स्पति शुभ ग्रह होने के वावजूद भी योगीजी को अशुभ फल प्रदान ही करेंगे जिसके कारण इनके विश्वसनीय व्यक्ति ही गुप्त रूप से इनकी स्वच्छ छवि को धूमिल करने में लगे रहेंगे। लेकिन योगीजी की जन्मकुंडली में चाण्डाल छाया ग्रह राहु शत्रु भाव में विराजमान है जिसके कारण इनके गुप्त शत्रु इनके खिलाफ षड्यंत्र जरूर रचेंगे और इनकी स्वच्छ छवि को धूमिल करने की कोशिश भी गुप्त रूप में करते रहेंगे और कभी-कभी सार्वजनिक रूप से भी छवि को खराब करने की कोशिश में रहेंगे वर्तमान की देवगुरू ब्रहस्पति की अंतरदशा अवधि में ये स्थितियां ज़्यादा होंगीं लेकिन वैदिक हिन्दू फलित ज्योतिष में चाण्डाल छाया ग्रह राहु को जन्मकुंडली के छठे भाव में अर्थात शत्रु के भाव में बली माना जाता है, क्योंकि योगीजी का राहु जन्मकुंडली में छठे भाव में शक्तिशाली अवस्था में मौजूद है जिसके कारण कोई भी गुप्त शत्रु योगीजी की छवि को बिगाड़ने में कामयाब नहीं हो पायेगा वर्तमान की देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह की अंतरदशा अवधि के दौरान जो कि 13 जनवरी 2022 तक रहेगी। 13 जनवरी 2022 के बाद शनि ग्रह की अंतरदशा अवधि में विभिन्न राजनीतिक दलों के योगीजी के विरोधी नेता इनके ऊपर ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि की कृपा के कारण ध्वस्त होते नजर आएंगे क्योंकि 13 अप्रैल 2022 तक गोचरीय चाल में इनकी चन्द्र राशि कुम्भ पर देवगुरू ब्रह्स्पति ग्रह का सम्पूर्ण आर्शीवाद रहेगा।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि 13 जनवरी 2022 से योगीजी की जन्मकुंडली के अनुसार इनके ऊपर केतु की महादशा में ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह की अंतरदशा अवधि आरम्भ होगी जो कि 22 फरवरी 2023 तक रहेगी इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए वर्तमान का 13 जनवरी 2022 तक का समय विशेष चुनौतीपूर्ण है।इसलिए इस दौरान इन्हें अपने ही विश्वसनीय व्यक्तियों से विशेष सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यकता है।

वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लग्न सिंह है। जिसका कि स्वामी ग्रहों का राजा सूर्य है, जो कि इनके स्वभाव को सिंह अर्थात शेर के समान बनाता है। योगी आदित्यनाथ के स्वभाव में उग्रता व वाणी में ओज सूर्य की सिंह राशि के लग्न के कारण ही है। वहीं इनकी चन्द्र लग्न की राशि कुंभ का स्वामी शनि ग्रह इन्हें न्यायप्रिय भी बनाता है। इसी न्यायप्रियता के कारण इन्हें लोकप्रियता हासिल हुई है। जिसकी बदौलत इन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया है। कर्म भाव में शक्तिशाली सूर्य और बुध की एक साथ युति अर्थात बुध आदित्य महा राजयोग के कारण ये चर्चित शख्सियत रखते हैं क्योंकि दशम भाव अर्थात कर्म भाव में सूर्य ग्रह को कारक और विशेष शक्तिशाली अवस्था वाला माना जाता है वैदिक हिन्दू फलित ज्योतिष के अनुसार, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इनकी जन्मकुंडली के अनुसार कर्मभाव में बुधादित्य योग, राशि स्वामी शनि का सातवां होना ऐसे योग बनाता है कि सत्ता इनके आस-पास ही रहना चाहती है। शनि ग्रह के कारण ही इनकी छवि एक समुदाय विशेष के कट्टर नेता के रूप में सभी हिंदुओं में बनी है। लेकिन देवगुरु बृहस्पति ग्रह जो कि धार्मिक और सबसे ज्यादा शुभ ग्रह भी है इनकी जन्मकुंडली में, लेकिन देवगुरु बृहस्पति इनकी जन्मकुंडली में पंचम भाव में अपनी स्वयं की राशि धनु में स्थित हैं जो कि ऊपर से शुभ जरूर दिखाई देते हैं, लेकिन वास्तविकता में वह देवगुरु बृहस्पति इनके लिए शुभ फल प्रदान करने वाले नही हैं क्योंकि कोई भी अपनी स्वराशि में स्थित ग्रह अगर जन्म के समय वक्री अवस्था में हो, तो वह अशुभ फल प्रदान करने वाला होता है अर्थात वह ग्रह ऐसी स्थिति में अपनी नीच राशिस्थ अवस्था का फल प्रदान करता है उस व्यक्ति को, इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी वाणी और अपने विश्वसनीय सहयोगियों से विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि देवगुरु बृहस्पति ग्रह की स्थिति किसी की भी जन्मकुंडली में सकारात्मक अवस्था के रूप में मन से सहयोगियों से सहयोग प्रदान करती है आन्तरिक रूप में जबकि नकारात्मक अवस्था में ज्यादातर व्यक्ति को अपने सहयोगियों से ही विश्वासघात कराती है।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्ष 2022 का उत्तरप्रदेश का विधानसभा का चुनाव योगीजी के लिए अग्नि परीक्षा साबित होगा लेकिन योगी आदित्यनाथ की जन्मकुंडली में 13 जनवरी 2022 से इनके पर केतु की महादशा में ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि ग्रह की अंतरदशा अवधि आरम्भ होगी जो कि 22 फरवरी 2023 तक रहेगी, इसलिए उत्तरप्रदेश विधानसभा 2022 का चुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। क्योंकि केतु और शनि आपस में महाशत्रु हैं। लेकिन योगीजी की चन्द्र राशि कुम्भ है इसलिए 13 जनवरी 2022 से आरम्भ होने वाली इनकी शनि की अंतरदशा अवधि विपरीत परिस्थितियों के वावजूद भी योगीजी के मान सम्मान की रक्षा अवश्य करेगी क्योंकि योगीजी एक कट्टर संत समुदाय से आते हैं इसलिए ऐसे व्यक्तियों पर शनि की विशेष कृपा होती है। दूसरी तरफ इनकी चन्द्र राशि कुम्भ पर 20 नवम्बर 2021 से लेकर 13 अप्रैल 2022 तक ब्रह्माण्ड की परवर्तित गोचरीय चाल में देवगुरू ब्रह्स्पति की सम्पूर्ण कृपा इनकी चन्द्र राशि कुम्भ पर रहेगी इसलिए गोचरीय चाल में देवगुरू ब्रहस्पति ग्रह योगीजी के मान सम्मान की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि 21 फरवरी 2024 के बाद योगी आदित्यनाथ पर सबसे ज्यादा शुभ और ऊंचाईयों पर ले जाने वाले शुक्र ग्रह की 20 वर्ष की महादशा अवधि आरम्भ होगी, जो कि योगी आदित्यनाथ के लिए आने वाले समय में प्रधानमंत्री जैसे देश के उच्च पद तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है। क्योंकि योगीजी की जन्मकुंडली में 9 डिग्री पर अंश बल में मजबूत शुक्र जन्मकुंडली के लाभ एवम इच्छापूर्ति भाव में मंगल ग्रह के साथ स्थित है, और मंगल भी इनकी कुंडली में 21 डिग्री पर अंश बल में मजबूत है जो कि आने वाले समय में योगीजी के लिए महाराजयोग प्रदान करने वाला साबित हो सकता है।

कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि 21 फरवरी 2024 के बाद उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भविष्य के प्रधानमंत्री बनने की तरफ भी उनके ग्रह ले जा सकते हैं। पर इसके लिए योगी आदित्यनाथ को अपनी जन्मकुंडली में स्थित वाणी का कारक देवगुरु बृहस्पति ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के माध्यम से काबू करने की आवश्यकता है जिससे देवगुरु बृहस्पति ग्रह का नकारात्मक प्रभाव उनकी स्वच्छ छवि को धूमिल न कर दे। 21 फरवरी 2024 के बाद योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश व देश की राजनीति में इनका कद तो ऊंचा होगा ही साथ ही प्रतिद्वंदी भी इनसे प्रभावित होंगे। इनकी कुंडली में मंगल शत्रु को भी इनका मुरीद होने के लिए प्रेरित करता है।

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Tags: #NarendraModi#Yogiadityanath
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