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विवेक कुमार जैन
आगरा: वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने नववर्ष के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि नववर्ष के सन्दर्भ में ऐसा माना जाता है कि वर्ष का पहला दिन अगर उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाए, तो पूरा वर्ष इसी उत्साह और खुशियों के साथ बीतेगा। हमें नया वर्ष नई आशाएं, नई उम्मीदें, नए सपने, नए लक्ष्य और नए विचारों की उम्मीद देता है, इसलिए सभी लोग खुशी से इसका स्वागत करते हैं।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि हालांकि हिन्दू पंचांग के अनुसार नया वर्ष 1 जनवरी से नहीं बल्कि हिन्दू नववर्ष का आगाज गुड़ी पड़वा एवम चैत्र नवरात्रि से होता है। लेकिन 1 जनवरी को नया वर्ष मनाना सभी धर्मों में एकता कायम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, क्योंकि इसे सभी मिलकर मनाते हैं। 31 दिसंबर की रात्रि से ही कई स्थानों पर अलग-अलग समूहों में इकट्ठा होकर लोग नए वर्ष का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं और रात 12 बजते ही सभी एक दूसरे को नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि नया वर्ष यह केवल एक नई शुरुआत ही नहीं, यह हमें निरंतर आगे बढ़ने की, नित नया कुछ न कुछ सीखने की सीख भी देता है। बीते वर्ष में हमने जो भी किया, सीखा, सफल हुए या असफल उससे सीख लेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। एक तारीख लगते ही नववर्ष लगा जाता है यानी सभी के लिए नए-नए अवसर लेकर आता है, इस दिन हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करके और सच बोलने की भी प्रेरणा देता है। जिस प्रकार हम पुराने वर्ष के समाप्त होने पर दुखी नहीं होते बल्कि नए वर्ष का स्वागत बड़े उत्साह और खुशी के साथ करते हैं, उसी तरह जीवन में भी बीते हुए समय को लेकर हमें दुखी नहीं होना चाहिए। जो बीत गया उसके बारे में सोचने की अपेक्षा आने वाले अवसरों का स्वागत करें और उनके जरिए जीवन को बेहतर बनाने की एक नई सकारात्मक कोशिश करें।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने नववर्ष 2022 की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए बताया कि विश्व में अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार नववर्ष 1 जनवरी 2022 का आगमन शनिवार को बुध ग्रह के ज्येष्ठा नक्षत्र में हो रहा है। नववर्ष में 1 जनवरी 2022 को सूर्योदय-कालीन लग्न में बुध और शनि की शुभ भाव में स्थिती रहेगी, जो कि भारत के लिए 13 अप्रैल 2022 के बाद वर्ष 2022 के अंत तक भारत देश के लिए योगकारक रहेगी क्योंकि 13 अप्रैल 2022 के बाद ब्रह्माण्ड का अति शुभ ग्रह देवगुरू ब्रहस्पति ग्रह स्वतन्त्र भारत की चन्द्र लग्न की राशि कर्क से गोचरीय चाल में भाग्य भाव में स्थित रहेगा जो कि भारत देश को प्रत्येक क्षेत्र में पूरे विश्व में एक नई पहचान स्थापित करने में मददगार साबित होगा। दूसरी तरफ 12 अप्रैल 2022 से चाण्डाल छाया ग्रह राहु भी गोचरीय परवर्तित चाल में डेढ़ वर्ष बाद वृष राशि से मेष राशि में डेढ़ वर्ष के लिए स्थान परिवर्तन करेंगे जो कि स्वतन्त्र भारत देश की कर्क राशि की चन्द्र लग्न से विशेष योगकारक पूरे वर्ष रहेंगे विशेकर भारत की विदेश नीति के सन्दर्भ में भारत अपनी एक अलग छाप सम्पूर्ण विश्व में छोड़ने में कामयाब होता नजर आएगा। लेकिन नववर्ष 2022 के आरम्भ के 4 माह के दौरान विशेकर 13 अप्रैल 2022 तक भारत को वर्तमान की महामारियों से विशेष सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यकता है।