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आगरा 17 सितंबर । वैदिक सूत्रम चेयरमैन प्रख्यात ज्योतिष पंडित प्रमोद गौतम ने भारत देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर उनकी कुंडली का विश्लेषण करने के बाद बताया कि वर्तमान में 26 अप्रैल 2022 से लेकर 14 मई 2023 तक युद्ध एवम तानाशाही के कारक मंगल ग्रह की महादशा में वर्तमान में चाण्डाल मायावी छाया ग्रह राहु की अंतरदशा अवधि चल रही है।पौराणिक शास्त्रों के अनुसार छाया ग्रह राहु को असुरों का सेनापति भी कहा जाता है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्तमान में 14 मई 2023 तक नरेंद्र मोदी की मंगल की महादशा में राहु की वर्तमान की अन्तरदशा अवधि के दौरान भारत में उनके विरोधी दल उन पर पूरी तरह हावी होते हुए नजर आएंगे और उनकी आम जनता में स्वच्छ छवि को धूमिल करने की उनकी पूरी कोशिशें कुछ हद तक कामयाबी होती भी नजर आयेंगी।
पंडित गौतम ने बताया कि नरेंद्र मोदी का नाम और पहचान आज पूरे विश्व में किसी से छुपा नहीं है। 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के मेहसाणा में जन्मे नरेंद्र मोदी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो कि वर्ष 2014 से भारत के 14 वें और वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। नरेंद्र मोदी की प्रसिद्धि किसी से छिपी नहीं है परन्तु क्या कोई इन वास्तविक रहस्यों को जानता है कि वह इतने मशहूर एवम लोकप्रिय कैसे हुए ?
पंडित गौतम ने मोदी जी की जन्मकुंडली के आध्यात्मिक रहस्यमयी तथ्यों का विश्लेषण करते हुए कहा कि जन्मकुंडली के जानकारों को इस तथ्य को गहराई से समझने की जरूरत है कि मोदीजी की जन्मकुंडली में सूर्य, मंगल, बुध ये तीनों महत्वपूर्ण ग्रह ज़ीरो डिग्री पर हैं फिर भी वो इतनी ऊंचाइयों पर कैसे पहुंचे और भारत देश के लगातार दो बार प्रधानमंत्री स्पष्ट बहुमत के साथ कैसे बने इसमें महत्वपूर्ण योगदान उनकी जन्मकुंडली में स्थित वृशिक लग्न में चन्द्रमा+मंगल ग्रह की एक साथ युति से बनने वाला प्रबल राजयोग महालक्ष्मी योग रहा है। जिसमें चन्द्रमा ग्रह का नीच भंग राजयोग मंगल की अपनी स्व राशि वृशिक में स्थित होने से हो गया है। क्योंकि चन्द्रमा ग्रह उनकी जन्मकुंडली में 08 डिग्री का होकर शक्तिशाली अवस्था में स्थित है, और पिछले वर्ष 28 नवंबर 2021 तक 10 वर्ष की चन्द्र ग्रह की महादशा अवधि नरेंद्र मोदी को सम्पूर्ण महालक्ष्मी योग का सकारात्मक फल प्रदान कर रही थी जो कि 28 नवम्बर 2011 से आरम्भ हुई थी और जिसका समापन 28 नवम्बर 2021 को समाप्त हो चुका है। इसके बाद 29 नवम्बर 2021 से लेकर 28 नवम्बर 2028 तक मोदीजी पर वर्तमान में मंगल ग्रह की महादशा अवधि आरम्भ हो गयी है, ये वर्तमान की 07 वर्ष की मंगल ग्रह की महादशा अवधि भी महालक्ष्मी राजयोग में ही आती है। लेकिन वर्तमान की मंगल की ये महादशा अवधि इतनी योगकारक मोदीजी के लिए नहीं है जितनी कि 28 नवंबर 2021 तक चन्द्रमा ग्रह की महादशा अवधि रही थी, क्योंकि वृशिक राशि में मंगल ग्रह मोदीजी की जन्मकुंडली में जीरो डिग्री पर मृत अवस्था में स्थित है जो कि ग्रह की एक कमजोर स्थिति है क्योंकि चन्द्रमा के साथ मंगल ग्रह की एक साथ युति मौजूद है, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जन्मकुंडली में इस तरह की परिस्थितियों में व्यक्ति अपनी पुरानी स्वच्छ सकारात्मक छवि से वर्तमान में लाभ उठाने की पूरी कोशिश करता है। लेकिन 28 नवम्बर 2021 के बाद से मंगल ग्रह की 07 वर्ष की वर्तमान महादशा अवधि के कारण मोदीजी की छवि वर्तमान में आम जनता की निगाह में एक तानाशाह रवैये वाली उभकर सामने आ सकती है।
लेकिन 15 मई 2023 से उनके ऊपर वर्तमान की मंगल ग्रह की महादशा अवधि के दौरान ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरू बृहस्पति ग्रह की अन्तरदशा अवधि आरम्भ होगी जो कि 20 अप्रैल 2024 तक रहेगी, देवकृपा से देवगुरू ब्रहस्पति ग्रह की अन्तरदशा की अवधि के दौरान अर्थात 15 मई 2023 से लेकर 20 अप्रैल 2024 तक की अवधि मोदीजी के लिये दैवीय आर्शीवाद से सकारात्मक ऊर्जा युक्त रहेगी जो कि विरोधियों के लिए एक चिन्ता की लकीरों को फिर से पैदा करने वाली होगी। क्योंकि मोदीजी की जन्मकुंडली में देवगुरू ब्रहस्पति सकारात्मक अवस्था में आम जनता के भाव में स्थित है और 15 मई 2023 से लेकर 20 अप्रैल 2024 तक देवगुरू ब्रह्स्पति अपनी अंतरदशा अवधि में मोदीजी के राजनैतिक विरोधियों द्वारा आम जनता में प्रचारित की गई धूमिल की गई स्वच्छ छवि को आम जनता में फिर से दुबारा स्थापित करने में मददगार साबित होंगे।